THURSDAY 01 MAY 2025
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कौन है German Girl CassMae जिसकी Modi की वजह से किस्मत ही बदल गई ?

Congress भले ही पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का विरोध करती रही हो लेकिन इसी कार्यक्रम की वजह से एक जर्मन गायिका की जिंदगी कैसे बदल गई, सुन कर दंग रह जाएंगे !

कौन है German Girl CassMae जिसकी Modi की वजह से किस्मत ही बदल गई ?

कैसेंड्रा माई स्पिटमैन, जिन्हें लोग कैसमी के नाम से भी जानते हैं, जर्मनी में रहने वालीं कैसमी एक जर्मन होने के बावजूद भारतीय संस्कृति में इस कदर रची बसी हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके फैन हो गए और रेडियो पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में खुद इस लड़की का जिक्र किया और उनके भजन की भी तारीफ की थी।साल 2024 के सितंबर महीने में पीएम मोदी ने जर्मन सिंगर कैसमी की तारीफ की थी, और अब वो भारत ही नहीं जर्मनी में भी इस कदर मशहूर हो गई हैं कि उनका इंटरव्यू लेने वालों की लाइन लग गई है, हर कोई उन्हें सुनना चाहता है। 

और सबसे बड़ी बात तो ये है कि इस शोहरत की वजह कैसमी खुद पीएम मोदी को मानती हैं, इसीलिए एक बयान में उन्होंने कहा कि

 जब मैंने सुना कि पीएम नरेंद्र मोदी 'मन की बात' में मेरा जिक्र कर रहे हैं, तो यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है, मुझे यकीन ही नहीं हुआ, मैं कुछ मिनट के लिए हैरान रह गई, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूं, इसने मेरे जीवन को काफी हद तक बदल दिया, एक-एक दिन में 10 से 20 लोग मेरा इंटरव्यू लेने के लिए आने लगे

12 भाषाओं की जानकार कैसमी की मधुर आवाज से पीएम मोदी तो इस कदर प्रभावित थे कि प्रधानमंत्री कार्यालय से कैसमी के पास फोन चला गया और उन्हें बताया गया कि पीएम मोदी उनसे मिलना चाहते हैं, जिसके बाद साल 2024 के फरवरी महीने में पीएम मोदी और कैसमी की मुलाकात भी हुई, और इस दौरान पीएम मोदी ने कैसमी से भजन भी सुना।

पहले साल 2023 के मन की बात कार्यक्रम में की तारीफ, फिर साल 2024 में कैसमी से मुलाकात की, और अब साल 2025 में जर्मन सिंगर कैसमी की चर्चा दरअसल इसलिये हो रही है, क्योंकि खुद मन की बात सोशल मीडिया हैंडल से कैसमी की वीडियो शेयर की गई, जिसमें उन्होंने खुद बताया कि पीएम मोदी की वजह से उनकी जिंदगी बदल गई, तो वहीं पीएम मोदी ने भी खुद इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा-

भारतीय संस्कृति के बारे में दुनिया भर में जिज्ञासा बढ़ती जा रही है और कैसमी जैसे लोगों ने इस सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, अपने समर्पित प्रयासों के माध्यम से उन्होंने दूसरों के साथ मिलकर, भारतीय सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि, गहराई और विविधता को प्रदर्शित करने में मदद की है।

जर्मन सिंगर कैसमी आंखों से भले ही देखने में सक्षम ना हों, लेकिन अपनी मन की आंखों से जरूर भारतीय संस्कृति, कला और भाषा को जानने समझने की कोशिश करती रहती हैं, और ये उनकी इसी कोशिश का नतीजा है कि आज 22 साल की कैसमी हिंदी, संस्कृत, मलयालम, तमिल, कन्नड़, असमी, बंगाली, मराठी, उर्दू समेत 12 भाषाएं जानती हैं और इन भाषाओं में गाने भी गाती हैं, इतना ही नहीं कैसमी के बारे में आपको बता दें वो शुरू में रेडियो, टीवी प्रोडक्शन में शामिल हुई थीं, इस दौरान उन्हें कई इंटरनेशनल आर्टिस्ट के साथ काम करने का मौका भी मिला था।

तो वहीं साल 2017 में बोस्टन के बर्कली कॉलेज ऑफ म्यूजिक में समर परफॉर्मेंस प्रोग्राम के लिए स्कॉलरशिप भी मिल चुकी है, भारतीय संगीत और वाद्ययंत्रों के लिए कैसमी इतनी जुनूनी हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी जैसी ताकतवर हस्ती भी उनकी आवाज की फैन हो गई और खुद पीएम मोदी ने उन्हें मिलने भी बुलाया था, जहां कैसमी भजन गा रही थीं तो वहीं पीएम मोदी मेज पर तबला बजा रहे थे।



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