जब सपा सांसद का कॉलर पकड़कर ममता ने खींचा, जानिए क्यों ?
जब सपा सांसद का कॉलर पकड़कर ममता ने खींचा, हंगामा कर रहे सपा सांसद को ममता ने सिखाया सबक़, दंगे पर ममता का समर्थन करने वाले अखिलेश यादव देखें

पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद से ही सियासत तेज हो गई है. पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं, ऐसे में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर तंज कसते हुए ममता बनर्जी के समर्थन में खड़े हुए हैं और एक तरह से दंगाईयों को बचाने का प्रयास कर रहें हैं, अखिलेश यादव कह रहें हैं "हम ममता बनर्जी के साथ हैं, बंगाल में जो ये दंगा या हिंसा हो रही है, वो बीजेपी करा रही है, समाजवादी पार्टी अपना समर्थन ममता को देगी"
अब बताइए भला दंगे में भी एक दूसरे को समर्थन देने का रिवाज शुरु कर दिया गया है, खैर आज जो अखिलेश यादव ममता बनर्जी का समर्थन दंगों पर कर रहे हैं, कभी वही ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी के सांसद की कॉलर पकड़कर उसे हड़का दिया था वो भी मुलायम सिंह के दौर में
दरअसल, महिलाओं के लिए संसद में सीटें आरक्षित करने के लिए महिला आरक्षण बिल 1996 में एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली सरकार ने सबसे पहले किया था, लेकिन हर बार विरोध और सर्वसम्मति न बन पाने के कारण इसे पास नहीं कराया जा सका, आख़िरकार मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में महिला आरक्षण बिल पास कराया, खैर बात ममता बनर्जी की जब उन्होंने इसी महिला आरक्षण बिल की वजह से समाजवादी पार्टी के सांसद से भिड़ गई थी, बता दें कि, 1998 से 2004 के बीच भी महिला आरक्षण बिल पास कराने के लिए अटल सरकार ने कई बार प्रयास किए, लेकिन हर बार विरोध होता, 1998 में तो जब बिल का विरोध हुआ तो खूब बवाल किया गया, RJD के सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव ने तो अध्यक्ष जी एम सी बालयोगी से बिल की कॉपी छीनी और उसे फाड़कर फेंक दिया था, इसी तरह 11 दिसंबर 1998 को हालात बने क्योंकि महिला आरक्षण बिल फिर से पास कराने के लिए पेश किया गया, इस बार भी हंगामा शुरु हुआ, स्पीकर की कुर्सी की तरफ़ कुछ सांसद बढ़ते हुए गए, समाजवादी पार्टी के सांसद दारोगा प्रसाद सरोज भी स्पीकर की कुर्सी की तरफ़ हंगामा करते हुए बढ़े और इस बीच ममता बनर्जी ने सपा सांसद दारोगा प्रसाद सरोज का कॉलर पकड़ लिया, जिस पर बवाल मच गया, बिल के विरोध में मुलायम, आरजेडी सांसद रघुवंश प्रसाद ने इसे गैर-कानूनी बताया
वहीं इसके बाद भी कई बार महिला आरक्षण बिल पास कराने के लिए पेश किया गया, लेकिन हर बार हंगामे और बवाल की वजह से मामला फंस गया, आख़िरकार 2023 में मोदी सरकार ने नए संसद भवन में लोकसभा में संसद के विशेष सत्र के दौरान इस विधेयक को पेश किया और फिर दोनों सदनों में पास भी कराया और नया नाम भी दिया नारी शक्ति वंदन अधिनियम
इसी बिल को पास कराने क़े लिए 1996 से लड़ाई चली आ रही थी और 1998 में तो मामला मारपीट तक पहुँच गया था सदन में, ममता बनर्जी ने सपा सांसद की कॉलर पकड़कर अच्छे से सबक़ सिखा दिया था, आज वही अखिलेश यादव बंगाल के मुस्लिम दंगाईयों के लिए ममता बनर्जी का समर्थन कर रहें हैं और सीएम योगी के बयान पर पलटवार कर उन्हें नसीहत दे रहे हैं, ऐसे में आपका क्या कुछ कहना है, 1998 में ममता द्वारा सपा सांसद के कॉलर पकड़ने, दंगाईओं के लिए अखिलेश का ममता सरकार का समर्थन करने पर कमेंट में जरुर बताएं और सीएम योगी ने बंगाल पर क्या कुछ कहा वो भी सुन लीजिए
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