Pahalgam: Modi के ऐलान के बाद दहाड़े CM Dhami- अब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता
Pahalgam: पाकिस्तान लगता है कुत्ते की दुम हो गया है, सीधे होने का नाम ही नहीं ले रहा है जिसे अब तगड़ी डोज देनी पड़ेगी, इसीलिये पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर ऐसा पंजा मारा कि इस्लामाबाद में बैठे शहबाज शरीफ भी कांप गये !

जिस आतंकवाद की वजह से पूरा पाकिस्तान बर्बाद हो रहा है... जिस आतंकवाद की वजह से पाकिस्तानी आवाम दाने दाने को मोहताज हो रही है... सत्ता में बैठे शहबाज शरीफ उसी आतंकवाद को पालने पोसने में लगे हुए हैं… क्योंकि पाकिस्तान का मकसद ही है भारत को बर्बाद करना… इसीलिये जिस भारत के दम पर पाकिस्तानियों के हलक के नीचे पानी जाता है… शहबाज शरीफ उसी भारत को आतंकवाद के दम पर बर्बाद करने का मंसूबा पाले बैठे है… जिसका सबूत है पहलगाम हमला… जब 22 अप्रैल को पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों ने 26 लोगों को गोलियों से भून दिया…
पहलगाम में आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ लगता है ये बात भूल गये हैं कि ये वही भारत है जो पहले छेड़ता नहीं है… और अगर किसी ने छेड़ा तो उसे छोड़ता भी नहीं है... जिसका ट्रेलर भारत पहले ही दिखा चुका है... जब उरी अटैक के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की गई… और पुलवामा अटैक के बाद एयर स्ट्राइक की गई… लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान लगता है कुत्ते की दुम हो गया है… सीधे होने का नाम ही नहीं ले रहा है... जिसे अब तगड़ी डोज देनी पड़ेगी… इसीलिये पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर ऐसा पंजा मारा कि इस्लामाबाद में बैठे शहबाज शरीफ भी कांप गये… तो वहीं भारत में मोदी सरकार के फैसले की जमकर तारीफ हो रही है… खुद उत्तराखंड के सीएम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मोदी सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल और निर्णायक नेतृत्व में हुई CCS बैठक में आतंकवाद के खिलाफ लिए गए ऐतिहासिक और कठोर निर्णय पर अब कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है, ये साहसिक कदम न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस' नीति को दर्शाते हैं बल्कि दुश्मनों को यह स्पष्ट संदेश भी देते हैं कि हर एक आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब मिलेगा, केंद्र सरकार के सिंधु जल संधि पर रोक ने साफ कर दिया है कि अब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता, इस निर्णायक फैसले से आतंक को पनाह और बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान के मंसूबे चकनाचूर होंगे
पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने वाले फैसले की तारीफ करने के साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी 23 अप्रैल को जब पौड़ी गढ़वाल में एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे तो सबसे पहले पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी.
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत कई राज्यों के पर्यटकों को जान गंवानी पड़ी. तो वहीं उत्तराखंड के भी कई पर्यटक पहलगाम में फंसे हुए थे जिनकी सुरक्षित वापसी के लिए भी धामी सरकार जुटी हुई है.
जिस तरह से पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाया गया है. उसे देखते हुए धामी सरकार ने उत्तराखंड पुलिस को भी अलर्ट रहने के लिए कहा है. क्योंकि उत्तराखंड में भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. यही वजह है कि वाहनों, सार्वजनिक स्थानों और बॉर्डर एरिया में चेकिंग बढ़ा दी गई है. तो वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार भी पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए ऐसे पांच बड़े फैसले लिये हैं. जिसकी धमक पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान तक सुनाई दे रही है, क्योंकि मोदी सरकार ने ऐलान कर दिया है कि
मोदी के ‘पंजे’ में पाकिस्तान !
1- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन नहीं छोड़ देता
2- चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा, जिन लोगों ने वैध समर्थन के साथ पार किया है, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं
3- SAARC वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, पहले जारी किए गए सभी SVES वीजा रद्द करने के साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया गया
4- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया, उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया, नई दिल्ली में अपने राजनयिक उपस्थिति को घटाकर 55 से 30 कर्मचारियों तक सीमित करने के लिए कहा गया
5- भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा, संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए मोदी सरकार ने जो ये पांच फैसले लिये हैं. उनमें सबसे अहम सिंधु जल संधि को स्थगित करना. सबसे अहम माना जा रहा है.क्योंकि पाकिस्तान के साथ 1965, 1971 और कारिगल जैसे भीषण युद्ध के बावजूद भारत ने पानी नहीं रोका था. लेकिन इस बार मोदी सरकार ने तय कर लिया है कि अब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता. इसीलिये सिंधु जल समझौते पर फिलहाल रोक लगा दिया गया है.
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