PM मोदी के सामने नीतीश कुमार का खुलासा, बताया- आखिर किन नेताओं के चलते दो बार छोड़ा था NDA का साथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नीतीश कुमार ने एक बार फिर भरोसा दिया कि वह अब भाजपा को छोड़कर राजद के साथ नहीं जाएंगे. मधुबनी के झंझारपुर में पंचायती राज दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) 2005 में राजद के खिलाफ ही लड़ी थी और आगे भी मजबूती से लड़ती रहेगी.

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए सियासी दलों की सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. राज्य में सभी सियासी दल अपनी-अपनी रणनीति के साथ चुनाव की तैयारी में जुटे हुए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बिहार के मधुबनी पहुंचे. बिहार में NDA गठबंधन में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेपी साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे है. इसमें जेडीयू बड़े भाई की भूमिका निभा रही है. हालाँकि मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार पर पलटने का आरोप लगता रहा है, इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नीतीश कुमार ने एक बार फिर भरोसा दिया कि वह अब भाजपा को छोड़कर राजद के साथ नहीं जाएंगे.
मधुबनी के झंझारपुर में पंचायती राज दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) 2005 में राजद के खिलाफ ही लड़ी थी और आगे भी मजबूती से लड़ती रहेगी.
पार्टी वालों ने बीच में गड़बड़ की: नीतीश कुमार
पंचायती राज दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 13,480 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. उन्होंने कई रेल परियोजनाओं की भी सौगात बिहारवासियों को दी. इस मौके पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बीच में गड़बड़ी हो गई थी, लेकिन अब कभी भी महागठबंधन में या राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव और कांग्रेस की टीम के साथ नहीं जाएंगे. सीएम नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के नेता ललन सिंह और संजय झा की ओर इशारा करते हुए कहा "हमारी पार्टी वालों ने बीच में गड़बड़ कर दिया. अब हम लोग कभी महागठबंधन के साथ नहीं जा सकते हैं क्योंकि सबने बहुत गड़बड़ किया है."
'पहलगाम हमला दुखद'
इसके अलावा पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमलों पर दुख जताते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कई लोगों की हत्या हुई. यह घटना काफी दुखद और निंदनीय है. उन्होंने शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा देश आतंक के खिलाफ एकजुट है.
बिहार में पंचायतों का बुरा हाल था
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बिहार में राजद और उनके सहयोगियों की सरकार थी तो जनता की भलाई के लिए उन लोगों ने कुछ नहीं किया। 2005 के नवंबर-दिसंबर में एनडीए की सरकार बनी। उससे पहले के पंचायतों में बहुत बुरा हाल था. कहीं काम नहीं होता था, जब एनडीए की सरकार बनी तो 2006 में हमने पंचायती राज और 2007 में नगर निकाय के कानून में संशोधन किया गया. उन्होंने कहा, "हमने ग्राम पंचायत और नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण किया। ये लोग कभी किसी महिला के लिए कोई काम किए थे? अब देखिए महिलाओं के लिए कितना काम हो रहा है. अब तक हम लोगों ने जो-जो किया, उसमें पंचायती और नगर निकाय के चार चुनाव हो चुके हैं." मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के सभी पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण कराया जा रहा है. 16 हजार से अधिक पंचायती भवन बन चुके हैं, शेष का काम चल रहा है. इस साल चुनाव से पहले ये सारा काम हो जाएगा.
गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन NDA और विपक्ष की इंडिया महागठबंधन के बीच सीधी लड़ाई है. इस चुनाव लड़ाई मुख्य रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच है. वही दूसरी तरफ चुनाव आयोग भी बिहार में चुनाव कराने को लेकर अपनी तैयारी में जुटा हुआ है.
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