THURSDAY 01 MAY 2025
Advertisement

फ्रांस में भी दिखा मोदी का हिमाचली अंदाज, जानें क्या है इसके पीछे का खास संदेश?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में फ्रांस दौरे पर हिमाचली टोपी पहने नजर आए, जिससे हिमाचल की राजनीति में हलचल मच गई। इससे पहले महाकुंभ में भी पीएम मोदी इसी टोपी में दिखे थे। हिमाचली टोपी सिर्फ एक फैशन स्टेटमेंट नहीं, बल्कि हिमाचल की संस्कृति और राजनीति से जुड़ा प्रतीक है। सवाल उठ रहा है कि क्या पीएम मोदी यह टोपी पहनकर हिमाचल की जनता को साधने की कोशिश कर रहे हैं?

फ्रांस में भी दिखा मोदी का हिमाचली अंदाज, जानें क्या है इसके पीछे का खास संदेश?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्राओं में न केवल राजनयिक संबंधों को मजबूत करते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं की झलक भी प्रस्तुत करते हैं। हाल ही में फ्रांस दौरे के दौरान पीएम मोदी एक बार फिर से हिमाचली टोपी में नजर आए, जिससे सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने हिमाचली टोपी पहनी हो, इससे पहले महाकुंभ 2025 के अवसर पर भी वे इसी अंदाज में दिखे थे। ऐसे में सवाल उठता है कि पीएम मोदी का यह हिमाचली लुक केवल एक संयोग है या इसके पीछे कोई गहरा संदेश छिपा है?

हिमाचली टोपी का विशेष महत्व

हिमाचली टोपी केवल एक परिधान नहीं है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह टोपी राज्य की पहचान और सम्मान से जुड़ी होती है, जिसे विशेष अवसरों पर पहना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी जब इस टोपी को पहनते हैं, तो यह न केवल हिमाचल के प्रति उनके विशेष स्नेह को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे भारतीय संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।

महाकुंभ से फ्रांस तक हिमाचली टोपी का सफर

5 फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ में स्नान किया था और उस दौरान भी उन्होंने हिमाचली टोपी पहनी थी। उस समय यह चर्चा का विषय बना था कि पीएम मोदी भारतीय संस्कृति और विभिन्न राज्यों की परंपराओं को कैसे महत्व देते हैं। अब जब वे फ्रांस यात्रा पर गए, तो एक बार फिर यह हिमाचली टोपी उनके सिर पर थी। यह देख लोग सोशल मीडिया पर इसे एक संदेश के रूप में लेने लगे कि मोदी हर जगह भारत की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करने का अवसर तलाशते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के इस हिमाचली अवतार पर हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ट्वीट करते हुए लिखा: "फ्रांस में हिमाचल की संस्कृति एवं मोदी जी के स्नेह की झलक! यह तस्वीर हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है। प्रधानमंत्री जी का यह प्रेम हमें और भी प्रेरित करता है।" वहीं, धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने कहा "प्रधानमंत्री जी का हिमाचली टोपी पहनना यह दर्शाता है कि वे न केवल भारत, बल्कि राज्यों की समृद्ध संस्कृति को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना चाहते हैं। यह हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है।" पीएम मोदी की हिमाचली टोपी वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। 

राजनीति में क्या है इसका अर्थ?

प्रधानमंत्री मोदी जब किसी खास राज्य की पारंपरिक पोशाक पहनते हैं, तो यह दर्शाता है कि वे उस क्षेत्र के लोगों के प्रति विशेष लगाव रखते हैं। हिमाचली टोपी पहनने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी हिमाचल प्रदेश की जनता को अपने करीब लाने का प्रयास कर रहे हैं। 
दरअसल हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की स्थिति पिछले कुछ चुनावों में उतार-चढ़ाव भरी रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की और सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने, जिससे बीजेपी को बड़ा झटका लगा। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने हिमाचल की सभी चार लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि राज्य में पार्टी की पकड़ अब भी मजबूत है। हिमाचल प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं, और बीजेपी वहां फिर से सत्ता में वापसी की कोशिश करेगी। ऐसे में पीएम मोदी का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिमाचली टोपी पहनना प्रदेश के लोगों को यह संदेश देने का प्रयास हो सकता है कि वे हिमाचल की संस्कृति और पहचान को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिला रहे हैं। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की हार के बाद, पार्टी नए सिरे से अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। पीएम मोदी का हिमाचली टोपी पहनना पार्टी के प्रति जनता की भावनाओं को पुनर्जीवित करने का एक तरीका हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह हिमाचली अवतार केवल एक संयोग नहीं है, बल्कि यह भारत की विविधता को दर्शाने और हर राज्य की संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का एक प्रयास है। चाहे यह चुनावी रणनीति हो या फिर संस्कृति के प्रति सम्मान, यह कहना गलत नहीं होगा कि पीएम मोदी ने हिमाचली टोपी पहनकर एक मजबूत संदेश दिया है। अब देखना यह होगा कि इस सांस्कृतिक जुड़ाव का असर भविष्य में हिमाचल की राजनीति और जनता की सोच पर कितना पड़ता है।

लाइव अपडेट
Advertisement
Captain (Dr.) Sunaina Singh का ये Podcast आपकी जिंदगी में Positivity भर देगा !
Advertisement