सालों बाद मिला शहीद मलखान सिंह का शव, 56 साल पहले प्लेन क्रेश हादसे का हुए थे शिकार
56 साल बाद मिला शहीद जवान मलखान सिंह का शव, 1967 में सियाचिन ग्लेशियर के पास प्लेन क्रेश में हुए थे शहीद, सहारनपुर पहुंचा शहीद का शव सबके आंखें हुई नम, लेकिन बेटे और पत्नी भी दुनिया को कह चुके अलविदा।

कभी सोचा है जब किसी शहीद जवान का शव पुरे 56 साल बाद घर लौटे और उसे देखने और आखिरी बार मिलने के लिए जब उसके बेटे और पत्नी ना हो तो वो नज़ारा कैसा होगा, शायद इसकी उम्मीद कोई कर भी नहीं सकता कि 56 साल बाद कैसे अचानक किसी का शव मिल सकता है। लेकिन ये कोई कहानी नहीं है, ऐसा हुआ है और सहारनपुर में हुआ है। 56 साल बाद उस शहीद जवान का शव मिला है, जिनकी मौत 1967 में हुई थी।
56 साल पहले प्लेन क्रेश हादसे में हुए थे मलखान सिंह शहीद -
साल 1967 में सियाचिन ग्लेशियर के पास एक प्लेन क्रेश हुआ था जिसमें सहारनपुर के जवान मलखान सिंह भी मौजूद थे, और इस दर्दनाक हादसे में वो शहीद हो गए थे, तब उनका शव नहीं मिल पाया था लेकिन अब अचानक शहीद मलखान सिंह का शव सहारनपुर पहुंच चुका है और वो पुराना जख्म फिर उभर आया है। मलखान सिंह का शव मिलने के बाद सहारनपुर जिले के कस्बा नानौता में उनके गांव फतेहपुर में उनके परिवार में एक बार फिर सभी की आँखें नम हैं, पूरा परिवार गमगीन है।
हादसे में लगभग 100 जवान हुए थे शहीद -
दरअसल जिस हादसे में सहारनपुर के मलखान सिंह शहीद हुए थे उसी हादसे में करीब भारतीय वायुसेना के करीब 100 जवान शहीद हुए थे, जब यह हादसा हुआ, मलखान सिंह अपनी पत्नी शिलावती और एकलौते बेटे रामप्रसाद को पीछे छोड़कर सियाचिन ग्लेशियर गए थे। तब से उनका परिवार उनके लौटने की उम्मीद में था। लेकिन समय बीतता गया और धीरे-धीरे परिवार भी इस हादसे को एक कड़वी सच्चाई मानकर जीने लगा। शहीद जवान की पत्नी और बेटे की भी कुछ समय पहले मृत्यु हो चुकी है। अब उनके परिवार में दो पोते, गौतम कुमार और मनीष हैं। गौतम और मनीष सहारनपुर में ऑटो चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
सेना के जवानों ने दी सूचना -
सेना के दो जवानों ने जब मंगलवार को मलखान सिंह के गांव फतेहपुर पहुंचकर उनके परिवार को यह जानकारी दी कि 56 साल बाद उनके दादा का शव मिला है, तो परिवार के लोग हैरान रह गए। सेना के जवानों ने बताया कि मलखान सिंह का शव उनके बैच नंबर से पहचाना गया। यह खबर सुनकर जहां एक ओर परिवार में खुशी थी कि अब उन्हें उनके दादा का अंतिम दर्शन करने का मौका मिलेगा, वहीं दूसरी ओर गम भी था कि इतने वर्षों के बाद अब उन्हें उनका शव मिला है जब उनकी पत्नी और बेटे भी दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। और उम्मीद की जा रही है 3 अक्टूबर तक शहीद मलखान सिंह का शव उनके घर पहुंच जायेगा।
परिवार में क्या है माहौल -
मलखान सिंह का शव मिलने पर पोते गौतम ने कहा, “हमारे लिए यह बहुत भावुक पल है। एक तरफ खुशी है कि हमें दादा का अंतिम चेहरा देखने को मिलेगा, लेकिन दुख भी है कि इतने सालों बाद उनकी वापसी हो रही है।” मलखान सिंह की पत्नी और बेटे की मौत हो चुकी है, इसलिए अब सिर्फ उनके पोते-पोतियां और एक भाई ईशमपाल सिंह बचे हैं। उनके दूसरे भाई सुल्तान सिंह और चंद्रपाल सिंह का भी निधन हो चुका है।
साथ ही परिवार का कहना है कि उन्हें अब तक वायुसेना की ओर से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है। परिवार के लिए यह एक बड़ा सदमा है कि इतने सालों बाद भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। हालांकि, अब मलखान सिंह के शव के मिलने के बाद परिवार उम्मीद कर रहा है कि सरकार और सेना से उन्हें कुछ आर्थिक सहायता मिलेगी।
इस खबर से गांव के लोग और आसपास के इलाके के लोग भी भावुक हो गए हैं। पूरे गांव में शहीद जवान का सम्मान किये जाने की तैयारी की जा रहा है। क्योंकि 56 साल बाद शहीद जवान का शव मिलना एक असाधारण और चौंकाने वाली घटना है।
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