गृह मंत्री अमित शाह का फिटनेस मंत्र- दिमाग के लिए 6 घंटे की नींद लें, 2 घंटे करें एक्सरसाइज...युवाओं को अभी 40-50 वर्षों तक जीना है
अमित शाह ने कहा कि "हमारे देश के युवाओं को अभी 40 से 50 वर्षों तक जीना है. उन्हें देश के विकास के लिए योगदान देना है. मेरा युवाओं से यही कहना है कि वह प्रतिदिन अपने दिमाग के लिए 6 घंटे और शरीर के लिए 2 घंटे की नींद जरूर लें.

गृह मंत्री अमित शाह कल के दिन विश्व लिवर दिवस पर इंस्टिट्यूट ऑफ़ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के एक कार्यक्रम में पहुंचे. यहां उन्होंने फिटनेस से जुड़े कई टिप्स दिए. अमित शाह ने अपनी फिटनेस का राज खोलते हुए कहा कि मैंने अपने जीवन में काफी बड़ा परिवर्तन किया है. शरीर को जितना चाहिए उतनी नींद, उतना ही पानी और उसी के हिसाब से आहार और नियमित व्यायाम से मैने अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल किया है.
युवाओं को गृह मंत्री अमित शाह के टिप्स
अमित शाह ने कहा कि "हमारे देश के युवाओं को अभी 40 से 50 वर्षों तक जीना है. उन्हें देश के विकास के लिए योगदान देना है. मेरा युवाओं से यही कहना है कि वह प्रतिदिन अपने दिमाग के लिए 6 घंटे और शरीर के लिए 2 घंटे की नींद जरूर लें. यह काफी उपयोगी साबित होगी. इससे अनेक गुना इसकी उपयोगिता बढ़ जाएगी. क्योंकि यह मेरा खुद का अनुभव है. मैं आज इस कार्यक्रम में इसी अनुभव को साझा करने आया हूं."
अमित शाह ने दिया अपना उदाहरण
Speaking at the 'Healthy Liver-Healthy India' program organised by the Institute of Liver and Biliary Sciences. https://t.co/sU1ZxGuVnk
— Amit Shah (@AmitShah) April 19, 2025
अमित शाह ने बताया कि "मई 2020 से अब तक मेरे जीवन में काफी बड़ा बदलाव आया है. मैं आपको बता सकता हूं कि साढ़े 4 साल के समय में मैं आज सभी इंसुलिन और एलोपैथिक दवा से मुक्त होकर आपके सामने खड़ा हूं. अगले 4 साल पहले डॉक्टर शिरीन अगर मुझे बुलाते. तो मैं यहां बात करने लायक नहीं होता. महात्मा बुद्ध के जीवन का एक प्रसंग है. एक मां अपने बच्चे को लेकर महात्मा बुद्ध के सामने उपस्थित होती है. मां ने कहा - बेटा बहुत गुड़ खाता है. आप उसको जरा समझाइए. एक निश्चित मात्रा से ज्यादा कोई भी चीज शरीर के लिए हानिकारक होता है. महात्मा बुद्ध ने कहा आप एक हफ्ते बाद आइए. एक हफ्ते बाद जब मां अपने बेटे को लेकर दोबारा आई. तब महात्मा बुद्ध ने अपने बेटे को समझाया कि आप ज्यादा गुड़ मत खाइए. इससे काफी हानि होती है. फिर मां ने महात्मा बुद्ध से कहा कि यह बात आपने एक हफ्ते पहले क्यों नहीं बताई. महात्मा बुद्ध ने कहा कि मैं खुद बहुत गुड़ खाता था. लेकिन उसको छोड़कर बेटे को नसीहत देना चाहता था." शाह ने कहा कि मैंने अपने जीवन में खुद एक डिस्प्लीन लाने के लिए महात्मा के आग्रह के बाद निर्णय लिया. इसका मुझे काफी फायदा मिला. जो आज मैं सबको शेयर करने आया हूं."
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