WEDNESDAY 30 APRIL 2025
Advertisement

राम मंदिर और महाकुंभ में जाना पाप! लेकिन इफ्तार पार्टी समाज सेवा! राहुल गांधी क्यों दिखा रहे डबल चेहरे ? आखिर हिंदुओं के साथ ही क्यों ?

जब महाकुंभ में डुबकी लगाने की बात आए या राम मंदिर में दर्शन करने की तब राहुल गांधी कहां नजर आते हैं? आखिर उन्हें इस बात का डर क्यों लगता है कि अगर वह मंदिर चले गए या महाकुंभ में डुबकी लगा लिए ? तो उनका मुस्लिम वोट बैंक नाराज हो जाएगा। लेकिन राहुल गांधी तो टोपी लगाने में उस्ताद है और शुरुआत से ही उनके मन के अंदर मुसलमानों वाला प्रेम बना हुआ है।

राम मंदिर और महाकुंभ में जाना पाप! लेकिन इफ्तार पार्टी समाज सेवा! राहुल गांधी क्यों दिखा रहे डबल चेहरे ? आखिर हिंदुओं के साथ ही क्यों ?
रमजान का महीना चल रहा है। हर साल इस त्योहार में सभी राजनीतिक दल मुसलमानों का दिल जीतने के खातिर अलग-अलग तरह की इफ्तार पार्टियों में शिरकत करते हैं। यह पार्टी राजनीतिक रूप से विस्तार का एक ऐसा मौका होती है। जिस पर पक्ष और विपक्ष हर किसी की नजर होती है। कौन सा नेता किस इफ्तार पार्टी में किस नेता के साथ नजर आ रहा है। इस पर सभी की नजर बनी होती है। इन सब में बिहार के नेताओं की इफ्तार पार्टी हमेशा से चर्चाओं में रहती है। इस बार का यह रमजान महीना बिहार के लिए कुछ ज्यादा ही खास बन गया है। क्योंकि अक्टूबर या नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता लालू प्रसाद यादव दोनों ने ही इफ्तार पार्टी आयोजित की। जिसमें कई बड़े चेहरे नजर आए। लेकिन एक और चर्चा सबसे ज्यादा रही कि दोनों ही नेताओं के स्टार पार्टी में कई चेहरे गायब से नजर आए। इसके पीछे का कारण देखेंगे। तो वह आने वाला विधानसभा चुनाव है। लालू यादव की इफ्तार पार्टी में कांग्रेस नेताओं ने दूरी बना ली। वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार की पार्टी से मुस्लिम संगठनों के कई लोगों ने बायकॉट किया। लेकिन इन दोनों इफ्तार पार्टियों के बाद एक और इफ्तार पार्टी दिल्ली में आयोजित हुई। जिसकी तस्वीर खूब चर्चाओं में है। दरअसल, इस पार्टी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी नजर आ रहे हैं। आखिरी बार साल 2018 में राहुल गांधी ने इफ़्तार पार्टी होस्ट की थी। उस दौरान वह कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे। इस बीच बीते कई सालों से कांग्रेस पार्टी द्वारा कोई भी इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं हुआ। लेकिन इमरान प्रतापगढ़ी के इफ्तार पार्टी में राहुल गांधी नजर आए। दिल्ली चुनाव में मिली करारी हार के बाद इंडिया ब्लॉक के नेताओं को भी दावत देते हुए देखा जा रहा है। इसके पीछे की वजह बिहार का चुनाव होना है। 

साल 2014 और 2019 का चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को लगा डर

दरअसल, साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बीजेपी कांग्रेस पर काफी ज्यादा आक्रामक नजर आई। कई बार कांग्रेस को भी ऐसा लगा कि बीजेपी उसे मुसलमानों की पार्टी के नाम के साथ लोगों के बीच पेश कर रही है। यही वजह रहा कि राहुल गांधी ने सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि अपना ली। लेकिन राहुल गांधी का यह दिखावटी और डबल चेहरा ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाया। वह धीरे-धीरे फिर से खुलते जा रहे हैं। सवाल यह भी है कि जब महाकुंभ में डुबकी लगाने की बात आए या राम मंदिर में दर्शन करने की तब राहुल गांधी कहां नजर आते हैं। आखिर उन्हें इस बात का डर क्यों लगता है कि अगर वह मंदिर चले गए या महाकुंभ में डुबकी लगा लिए। तो उनका मुस्लिम वोट बैंक नाराज हो जाएगा। लेकिन राहुल गांधी तो टोपी लगाने में उस्ताद है और शुरुआत से ही उनके मन के अंदर मुसलमानों वाला प्रेम बना हुआ है। यही वजह है कि छुपाए भी वह प्रेम नहीं छिप रहा। आखिरकार राहुल गांधी इफ्तार पार्टी में फिर से शिरकत करने लगे। इस पार्टी में राहुल गांधी आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव के बगल में बैठे नजर आए। फिलहाल राहुल गांधी का यह डबल चेहरा कितने दिन तक काम करेगा। यह देखने वाली बात होगी। आखिर कब तक वह हिंदुओं के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे। 

इफ्तार पार्टी का असली मकसद बिहार चुनाव 

बीते ढाई वर्षों से कांग्रेस पार्टी द्वारा कोई भी इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया गया। यह तब से नहीं हो रहा जब से मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली है। हालांकि इंडियन मुस्लिम लीग द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में वह जरूर नजर आए। उनके साथ सोनिया गांधी भी मौजूद थी। लेकिन इस बार की इफ्तार पार्टी अपनों को और गैरों को पहचानने की है। क्योंकि आने वाले समय में बिहार में विधानसभा चुनाव है। जिसको लेकर सभी पार्टियां इफ्तार के जरिए लोगों को एकजुट करने में लगी हुई है। इससे यह भी पता चल रहा है कि चुनाव में कौन किसके साथ नजर आने वाला है। नीतीश और लालू के बाद अब इमरान प्रतापगढ़ी ने भी इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। जितनी इफ्तार पार्टियां हो रही हैं। उन सभी के जरिए मुस्लिम वोट बैंकों को एकजुट करने का भी प्लान है। हाल ही में मुसलमानों द्वारा वक्फ बिल बोर्ड के विरोध प्रदर्शन में लालू यादव ने भी अपना समर्थन दिया। उसी दिन राहुल गांधी इमरान प्रतापगढ़ी के इफ्तार पार्टी में पहुंचते हैं। लेकिन पटना में हो रही लालू यादव की पार्टी से दूरी बना लेते हैं।

बिहार चुनाव में कांग्रेस और राजद में होगा टकराव 

जिस तरीके से हाल ही में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में टकराव देखने को मिला। ठीक उसी तरह बिहार के चुनाव में भी देखने को मिल रहा है। यहां पर कांग्रेस और राजद का सीटों पर बंटवारे को लेकर बन रहे समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं। वहीं साल 2027 में भी यूपी विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बवाल होना तय है। 
लाइव अपडेट
Advertisement
Captain (Dr.) Sunaina Singh का ये Podcast आपकी जिंदगी में Positivity भर देगा !
Advertisement