क्या है रेयर अर्थ मिनरल्स? जिसके लिए ट्रंप करने जा रहे हैं यूक्रेन के साथ सीक्रेट डील
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के साथ एक बड़ी डील करने जा रहे हैं, जिसका संबंध रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) से है। ये दुर्लभ खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों, रक्षा उपकरणों और आधुनिक तकनीक के लिए बेहद जरूरी हैं। अभी तक इनकी आपूर्ति का बड़ा हिस्सा चीन से आता है, लेकिन अमेरिका अब चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहता। इसीलिए ट्रंप यूक्रेन के विशाल खनिज भंडार को एक्सप्लोर करना चाहते हैं।

वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में एक बड़ा भूचाल तब आया जब यह खबर सामने आई कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन के साथ रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) को लेकर एक महत्वपूर्ण डील करने जा रहे हैं। इस डील को लेकर दुनियाभर में हलचल मच गई है, क्योंकि रेयर अर्थ मिनरल्स आधुनिक तकनीक, रक्षा उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक्स और बैटरियों के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर रेयर अर्थ मिनरल्स हैं क्या? और ट्रंप इसके लिए यूक्रेन से डील क्यों करना चाहते हैं? आइए, इस पूरी कहानी को विस्तार से समझते हैं।
क्या होते हैं रेयर अर्थ मिनरल्स?
रेयर अर्थ मिनरल्स 17 तत्वों का एक समूह होता है, जो पृथ्वी की पपड़ी में तो मौजूद होते हैं, लेकिन इन्हें शुद्ध रूप में निकालना बेहद मुश्किल होता है। ये आमतौर पर कुछ खास खनिजों जैसे मोनाजाइट और बास्टनासाइट में पाए जाते हैं। हालाँकि नाम में "रेयर" (दुर्लभ) शब्द जुड़ा है, लेकिन वास्तव में ये तत्व बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं—परंतु इतने बिखरे होते हैं कि इन्हें इकट्ठा करना और शुद्ध करना महंगा और मुश्किल होता है। अर्थ मिनरल्स में लैंथेनम (La), सेरियम (Ce), प्रसीओडाइमियम (Pr), नियोडाइमियम (Nd), प्रोमेथियम (Pm), समेरियम (Sm), यूरोपियम (Eu), गैडोलिनियम (Gd), टर्बियम (Tb), डिसप्रोसियम (Dy), होल्मियम (Ho), एर्बियम (Er), थुलियम (Tm), यिट्रबियम (Yb), लुटेटियम (Lu), यिट्रियम (Y) जैसे 17 तत्व प्रमुख रूप से शामिल होते हैं।
रेयर अर्थ मिनरल्स का महत्व क्यों बढ़ रहा है?
इन तत्वों का इस्तेमाल नई तकनीकों और उन्नत रक्षा प्रणालियों में बड़े पैमाने पर हो रहा है। जैसे: इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) में इस्तेमाल होने वाली मैग्नेट्स और बैटरियाँ, सौर और पवन ऊर्जा के लिए जरूरी उपकरण, मोबाइल फोन, लैपटॉप और स्मार्ट उपकरणों में स्क्रीन, सेंसर और चिप्स, रक्षा उपकरण जैसे मिसाइल गाइडेंस सिस्टम, लड़ाकू विमान, रडार और संचार प्रणालियाँ, पेट्रोलियम रिफाइनिंग में कैटेलिस्ट के रूप में, चूँकि ये मिनरल्स आधुनिक दुनिया की रीढ़ बन चुके हैं, इसलिए हर देश इनकी आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहता है।
यूक्रेन से डील के पीछे ट्रंप की रणनीति है?
अमेरिका लंबे समय से चीन पर अपनी दुर्लभ खनिजों (Rare Earth Minerals) की आपूर्ति के लिए निर्भर रहा है। चीन फिलहाल दुनिया का सबसे बड़ा रेयर अर्थ मिनरल्स उत्पादक है और वैश्विक आपूर्ति का लगभग 60% नियंत्रित करता है। अमेरिका को डर है कि अगर चीन ने इनकी आपूर्ति में कटौती की या कीमतें बढ़ाईं, तो उसकी अर्थव्यवस्था और रक्षा प्रणाली को भारी नुकसान हो सकता है। इसी वजह से डोनाल्ड ट्रंप अब रेयर अर्थ मिनरल्स के लिए यूक्रेन की ओर रुख कर रहे हैं।
इस डील के पीछे मुख्य कारण ये हैं। चीन पर निर्भरता कम करना, अमेरिका नहीं चाहता कि उसकी टेक्नोलॉजी और रक्षा प्रणाली किसी एक देश पर निर्भर रहे। यूक्रेन के पास रेयर अर्थ मिनरल्स का एक विशाल भंडार है, जिसे विकसित करके अमेरिका अपनी आपूर्ति सुनिश्चित कर सकता है।
यूक्रेन को आर्थिक मदद देना और रूस के खिलाफ मजबूत बनाना
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से यूक्रेन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जाए, जिससे उसे आर्थिक मजबूती मिले और वह रूस के खिलाफ खड़ा रह सके।
अमेरिका को रक्षा क्षेत्र में मजबूती देना
अमेरिका की हथियार प्रणाली, जेट इंजन, मिसाइल गाइडेंस सिस्टम, और सैन्य संचार उपकरणों में रेयर अर्थ मिनरल्स का व्यापक उपयोग होता है। यदि चीन इनकी आपूर्ति रोकता है, तो अमेरिका के पास कोई बैकअप होना चाहिए। यूक्रेन इस समस्या का समाधान बन सकता है।
नई तकनीकों के लिए संसाधन जुटाना
इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ, पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा जैसी ग्रीन टेक्नोलॉजी के लिए अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स की जरूरत है। अगर अमेरिका समय रहते नया स्रोत नहीं खोजता, तो वह इस सेक्टर में चीन से पिछड़ सकता है।
वैश्विक खनिज बाज़ार में अमेरिका की स्थिति मजबूत करना
अमेरिका खुद को रेयर अर्थ मिनरल्स के नए स्रोतों का नियंत्रण अपने हाथ में लेना चाहता है ताकि वह दुनिया की अर्थव्यवस्था में एक नया दबदबा बना सके।
यूक्रेन के लिए यह डील क्यों फायदेमंद है?
यूक्रेन इस समय युद्ध से उबरने और अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। यदि अमेरिका इस सेक्टर में निवेश करता है, तो यूक्रेन को कई लाभ होंगे। नई नौकरियाँ पैदा होंगी और उद्योग को मजबूती मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय निवेश आएगा और रूस की आर्थिक दवाब नीति से राहत मिलेगी। युद्ध के कारण प्रभावित बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में आर्थिक मदद मिलेगी। हालाकि इस सौदे से चीन और रूस दोनों की चिंताएँ बढ़ सकती हैं। चीन अपने रेयर अर्थ मिनरल्स पर वैश्विक एकाधिकार को खोना नहीं चाहेगा, और रूस नहीं चाहेगा कि अमेरिका यूक्रेन को आर्थिक रूप से और मजबूत बनाए।
रूस को डर है कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को स्थिर कर दिया, तो वह युद्ध में और अधिक आक्रामक हो सकता है। वहीं, चीन को चिंता है कि अगर अमेरिका के पास एक वैकल्पिक स्रोत आ गया, तो वह उसकी मिनरल्स डिप्लोमेसी (खनिज कूटनीति) को कमजोर कर सकता है। डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन के साथ यह डील सिर्फ एक व्यापारिक सौदा नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की वैश्विक रणनीति का हिस्सा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह डील वाकई सिरे चढ़ती है या फिर वैश्विक राजनीति के दबाव में फंस जाती है। लेकिन एक बात तय है – रेयर अर्थ मिनरल्स आने वाले दशकों में वैश्विक सत्ता संघर्ष का सबसे बड़ा कारण बनने वाले हैं।
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