FRIDAY 02 MAY 2025
Advertisement

PM Modi in Russia : मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात पर नजर ! क्या गलवान से शुरू हुआ बवाल कजान में होगा खत्म?

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स के 16वें समिट में भाग लेने के लिए रूस पहुंच चुके हैं। वह रूस के कजान शहर में आयोजित इस समिट में हिस्सा लेंगे। लेकिन इस समिट में हर किसी की नजर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात पर है। क्योंकि दोनों देशों के बीच साल 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद रिश्ते काफी खराब चल रहे हैं।

PM Modi in Russia : मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात पर नजर ! क्या गलवान से शुरू हुआ बवाल कजान में होगा खत्म?
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर रूस पहुंच चुके हैं। वह कजान में ब्रिक्स के 16वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में तीन बड़े नेताओं पर हर किसी की नजर रहेगी। बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग,भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक मंच पर नजर आएंगे।इनमें खास तौर से प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात काफी महत्वपूर्ण होगी। मोदी और शी जिनपिंग के बीच आखिरी मुलाकात साल 2023 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स समिट में हुई थी।  उस दौरान दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी। उससे पहले साल 2020 में G-20 समिट में दोनों नेता पहुंचे थे। लेकिन उस दौरान कोई बातचीत नहीं हुई थी। भारत और चीन के बीच कई सालों से रिश्ते खराब चल रहे हैं। ऐसे में लंबे समय से चल सैन्य गतिरोध के बीच मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या गलवान से शुरू हुआ टकराव बातचीत और समझौते से सुलझ सकता है। ब्रिक्स सम्मेलन दोनों देशों के रिश्ते को सुधारने के लिए एक बहुत बड़ा मौका है। हालांकि शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता की बात सामने नहीं आई है। लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी को लेकर द्विपक्षीय वार्ता होगी। 

ब्रिक्स के मंच पर एक साथ होंगे मोदी और शी जिनपिंग 


आपको बता दें कि 1 साल बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात होने जा रही है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है..."कि चीन अन्य पक्षों के साथ मिलकर ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग के सतत विकास के लिए प्रयास करने को तैयार है। ताकि ग्लोबल साउथ के लिए एकजुटता को जुटाने के साथ एक नए युग की शुरुआत की जा सके"। 

भारत और चीन के बीच नया सीमा समझौता एक नए रिश्ते की तरह 

ब्रिक्स एक ऐसा मंच है। जहां दोनों देशों के अपने मायने है। ऐसे में जब इतने बड़े मंच पर मोदी और शी जिनपिंग एक साथ होंगे। तो गलवान में शुरू हुआ विवाद और दोनों देशों के बीच खटास कजान में खत्म हो सकता है। ऐसे में क्या एक नए रिश्ते की शुरुआत होगी ? यह सवाल दोनों देशवासियों के दिल में उठ रहा है। लंबे समय से चल रहे विवाद के बीच दोनों देशों के लिए एक अच्छी खबर सोमवार को आई। जब दोनों के बीच विवादित पेट्रोलिंग पॉइंट्स को लेकर समझौता हुआ। इस समझौते में एक बात निकल कर सामने आई कि भारतीय सेना फिर से पेट्रोलिंग कर सकती हैं। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद एक बहुत बड़ी समस्या थी। लेकिन सोमवार को हुए फैसले से विवाद सुलझाने को लेकर पहला कदम बढ़ाया जा चुका है। वहीं कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल 2020 में गलवान से शुरू हुई झड़प के बाद चीन और भारत के रिश्ते जो बिगड़े हैं। उसे पूर्ण रूप से सुधारने में समय लगेगा। लेकिन उसकी शुरुआत हो चुकी है। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि अब चीन के पश्चिमी देशों के साथ रिश्ते उतने अच्छे नहीं है। यही वजह है कि चीन बैकफुट पर नजर आ रहा है। 

क्या था चीन और भारत के बीच गलवान घाटी विवाद ? 

आपको बता दें कि साल 2020 में 15 और 16 जून की रात भारत और चीन के सेनाओं के बीच गलवान घाटी के एलएसी पर हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के एक कमांडर के साथ 20 सैनिक शहीद हुए थे। वहीं चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे। लेकिन आधिकारिक तौर पर चीन ने अपने सैनिकों के मौत का कोई आंकड़ा पेश नहीं किया था। उस दौरान करीब चार दशक बाद दोनों देश इस तरह किसी सीमा पर आमने सामने आए थे। तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी खराब चल रहे हैं। लेकिन 16वें ब्रिक्स समिट में हर किसी को उम्मीद है कि दोनों देशों के रिश्तों में बातचीत से समझौता हो सकता है। इसकी 2 बड़ी वजह है। पहला शी जिनपिंग ने साल 2023 ब्रिक्स समिट में मोदी से बातचीत की शुरुआत की थी। दूसरा हाल ही में दोनों देशों के बीच पेट्रोलिंग विवाद पर समझौता हुआ है। 

Tags

लाइव अपडेट
Advertisement
Captain (Dr.) Sunaina Singh का ये Podcast आपकी जिंदगी में Positivity भर देगा !
Advertisement