असीम मुनीर कर गए पुरानी गलती, बलूचिस्तान का हाथ से निकलना तय !
सालों से खुद पर अन्याय और अत्याचार के ख़िलाफ़ लड़ने वाले बलूच समुदाय के लोग अपनी आज़ादी की मांग तेज़ कर चुके हैं…बलूचिस्तान को अलग करने की विद्रोह की आग में पाकिस्तानी जलते नज़र आ रहे हैं..पाक आर्मी के चीफ़ असीम मुनीर देश से बाहर रह रहे पाकिस्तानियों को लुभाने लिए बहुत कुछ बोल गए

सालों से खुद पर अन्याय और अत्याचार के ख़िलाफ़ लड़ने वाले बलूच समुदाय के लोग अपनी आज़ादी की मांग तेज़ कर चुके हैं. बलूचिस्तान को अलग करने की विद्रोह की आग में पाकिस्तानी जलते नज़र आ रहे हैं.पाक आर्मी के चीफ़ असीम मुनीर देश से बाहर रह रहे पाकिस्तानियों को लुभाने लिए बहुत कुछ बोल गए. लेकिन उन्होंने बहुत बड़ी गलती कर दी .वही गलती जो 50 साल पहले तबके पाकिस्तानी आर्मी चीफ़ रहते हुए याह्या खान ने की थी.बात 1970 की है जब बांग्लादेश के लिए मांग ज़ोर पकड़ चुकी थी. पूर्वी पाकिस्तान पश्चिमी पाकिस्तान से अलग होना चाहता था. शेख़ हसीना के पिता मुजीबुर रहमान ने जो मुक्ति वाहिनी बनाई थी वे लगातार पाकिस्तान पर इसके लिए दबाव बना रही थी. लेकिन इस मांग को और ज़िद्द को हलका समझते हुए याह्या खान गीदड़ भभकी दे रहे थे कि मैं नहीं मानता की पूर्वी पाकिस्तान के लोग पश्चिमी पाकिस्तान से अलग होना चाहते हैं पूर्वी पाकिस्तान के लोग ज्यादा आबादी वाले हैं और ज्यादा आबादी वाले कभी कम आबादी से अलग नहीं होते हैं। अगर आप ऐसी बातें सुनते हैं, अगर आप ऐसी अफवाहें सुनते हैं, तो मैं आपको ये बता दूं कि ये हमारे लोगों की आवाज नहीं है..आपको जल्दी से याह्या खान का वो बयान भी सुनवा देते हैं जो उन्होंने 1970 में दिया था.
अब सबसे मज़े की बात ये है कि इस बयान के बाद ही 1971 में भारत की मदद से बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हो गया था.अब इस बयान का ज़िक्र कर फ़्री बलूचिस्तान के लिए लड़ने वाले बलूच समुदाय के लोग भी सोशल मीडिया पर इस बयान से असीम मुनीर के बलूचिस्तान पर दिए बयान की तुलनी कर रहे हैं.वो कह रहे हैं कि सेना इसी तरह जनता को मूर्ख बनाती है.जब बांग्लादेश अलग हो रहा था, तब याह्या खान वही बातें कह रहे थे जो आज की पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान के बारे में कह रही है. बलूचिस्तान को बर्बाद कर रहे पाक आर्मी के चीफ़ असीम मुनीर को बलूचिस्तान पाकिस्तान के माथे का झूमर लगता है. बलूचिस्तान के लिए डरे सहमे मुनीर भारतीय आर्मी के ख़िलाफ़ हुंकार भरने की कोशिश करते है और बलूचिस्तान के लिए लड़ने वाले लोगों को धमकाते हुए कहते हैं कि तुम 1500 बंदे कहोगे कि हम इसको ले जाएंगे तुम्हारी अगली 10 नस्लें भी नहीं लेकर जा सकती.
असीम मुनीर जिस जोश से सब बोल गए उसमें सिर्फ़ ख़ौफ़ ही नज़र आ रहा है.और वो लगता है BLA को कमज़ोर समझ रहे हैं.वो उस BLA को कमज़ोर समझने की गलती कर रहे हैं.जिनके हमलों से डरकर पाक आर्मी के जवान सेना छोड़कर भाग रहे हैं. सेना में अफ़सर चिट्ठी लिखकर मुनीर से सेना को बर्बाद करने की बात कह रहे हैं.वो कह रहे हैं कि आज छोटे छोटे बच्चे जवानों को देखते ही पत्थर बरसाते हैं असीम मुनीर के कार्यकाल में सेना की इज़्ज़त गर्त में जा चुकी है.और अब असीम मुनीर याह्या खान की तरह ही गलती करते हुए नज़र आ रहे हैं. देखना होगा उनका ये ढोंग कब तक चलता है.इस पाकिस्तान को इस गीदड़ भभकी की क्या कीमत चुकानी पड़ती है.
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