इन 3 नदियों से जुड़ेगी पिंडर नदी, 625 गांवों के लिए CM धामी की केंद्र से बड़ी मांग
नीति आयोग ने Dehradun में वर्कशॉप की. इस वर्कशॉप में ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभाव और कम होते वाटर लेवल पर चिंता जताई. इस वर्कशॉप में उत्तराखंड के CM धामी भी शामिल हुए.

उत्तराखंड में प्राकृतिक जल स्त्रोतों का भंडार है. देश के बड़े हिस्से में उत्तराखंड की नदियों के जरिए पानी पहुंचाया जाता है. सरकार अमृत सरोवर के जरिए भी उत्तराखंड में नैचुरल वाटर सोर्सेज को बढ़ावा देती आ रही है. अब नीति आयोग की वर्कशॉप में CM धामी ने सूखते जल स्त्रोत और नदियों को फिर से जीवित करने की कोशिश को बल दिया. वर्कशॉप में CM धामी ने पिंडर नदी को कुमाऊं मंडल की कोसी नदी से जोड़ने की मांग की है. ताकि उत्तराखंड के हर गांव हर कस्बे तक शुद्ध पेयजल मिल सके.
इसके साथ ही CM धामी ने ये भी बताया कि पर्यावरण की चुनौतियों से निपटने के लिए उत्तराखंड में नई नई कार्य योजनाएं भी तैयार की जा रही हैं. उत्तराखंड में फिलहाल 5,500 जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने पर काम किया जा रहा है.
नीति आयोग की वर्कशॉप में CM धामी ने सूखती नदियों पर गहरी चिंता जताई. साथ ही आश्वासन दिया कि वे नदियों को पुनर्जीवित करने की योजना में केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं.
CM धामी ने इस बात पर जोर दिया कि पिंडर नदी को अगर कुमाऊं मंडल की नदी से जोड़ा जाता है तो 625 गांवों के लाखों लोगों को इसका फायदा मिलेगा. इससे पहले भी CM धामी ने नीति आयोग से पिंडर नदी को कोसी नदियों से जोड़ने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि, पहले जो नदियां पेयजल का स्त्रोत थीं. अब वो बरसाती नदियां बनकर रह गई हैं. ऐसे में पिंडर नदी को जोड़ने से दम तोड़ती नदियों में फिर से जान आएगी. उत्तराखंड की नदियों से ना केवल देश के कई इलाकों में पीने के पानी का संकट दूर होता है. साथ ही एक बहुत बड़े हिस्से में सिंचाई का पानी भी पहुंचाया जाता है. वहीं, उत्तराखंड में करीब 1092 अमृत सरोवर भी बनाए गए हैं. जो बढ़ते जल सकंट को कम करने में मददगार साबित होंगे. बहरहाल CM धामी ने पिंडर नदी को कोसी नदियों से जोड़ने की मांग नीति आयोग के सामने रख दी है इस पर नीति आयोग क्या कदम उठाता है देखना होगा.