लिव-इन रिलेशनशिप, चारधाम यात्रा में रील बनाने वालों पर सीएम धामी सख्त, दे दिया बड़ा आदेश!
उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता के तहत लिव इन रिलेशनशिप के विरोध पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सख्ती दिखाई है सीएम धामी ने कहा कि उनकी सरकार इस पर पीछे नहीं हटेगी। और जो सुझाव आएंगे उनका भी स्वागत किया जाएगा। इसके साथ ही सीएम धामी ने अवैध अतिक्रमण पर भी सख्ती दिखाई. अवैध मदरसों पर कार्रवाई को सही बताया

उत्तराखंड में अपराध के ख़िलाफ़ तेज़ी से एक्शन लिया जा रहा है। चाहे माफिया हो या किसी भी अपराध को अंजाम देने वाले अपराधी। सभी का तेज़ी से हिसाब किताब हो रहा है। इसी बीच अब धामी सरकार की रडार पर आए है। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिव-इन-रिलेशनशिप के खिलाफ ना सिर्फ़ ग़ुस्सा ज़ाहिर किया। बल्कि सख़्त चेतावनी देते हुए साफ साफ़ कहा "हमने प्रदेश की जनता को वचन दिया था की बीजेपी की सरकार बनेगी तो राज्य में समान नागरिक संहिता क़ानून लागू करेंगे। हमने अपना वचन पूरा किया। सरकार लिव-इन-रिलेशनशिप पर एक्शन लेने से पीछे नहीं हटेगी। समान नागरिक संहिता क़ानून के तहत जो भी सुझाव आएंगे उसके तहत कार्रवाई की जाएगी। बेशक लिव इन रिलेशनशिप हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है लेकिन उच्चतम न्यायालय में यह विषय कई बार आया है"
पुष्कर सिंह धामी लिव इन रिलेशनशिप के ख़िलाफ़ सख़्ती से खड़े नज़र आ रहे हैं। यही वजह है कि समान नागरिकता संहिता लागू कर सबसे ज़्यादा ज़ोर अगर किसी मुद्दे पर दिया गया है तो वो लिव इन पर ही। लेकिन चंद लोग ऐसे भी हैं। जो इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इसे नीजता का हनन बता रहे हैं,।
इसी मुद्दे पर दिया जा रहा है। क्योंकि
"समान नागरिक संहिता क़ानून से सभी धर्मों के लिए विवाह, तलाक़, और संपत्ति से जुड़े निजी क़ानूनों को समान बनाया गया है ।
लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले कपल के लिए रजिस्ट्रेशन कराना ज़रूरी होगा।
अब लिव इन में रहने वाला जो कपल एक महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता है तो उसे 3 महीने की जेल, 10 हज़ार का जुर्माना या दोनों सज़ा हो सकती है।
अगर नोटिस मिलने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जाता, तो यह सज़ा बढ़कर 6 महीने की जेल और 25 हजार तक का जुर्माना हो सकता है।
यही वजह है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी लीव इन में पहने वालों पर सख्ती दिखा रहे हैं..इसके साथ ही सीएम धामी ने चारधाम यात्रा के दौरान रील कल्चर पर रोक लगाने को लेकर भी कदम उठाए हैं। और आस्था की जगह को पर्यटन क्षेत्र बनाने वालों पर गुस्सा जाहिर किया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने साफ शब्दों में कहा कि"चारधाम यात्रा विशुद्ध रूप से यात्रा होनी चाहिए। हमारे पूर्वजों के समय से यात्रा के नियम बने हैं। ये यात्रा धर्म के लिए है। रील चलाने से देश और दुनिया में गलत संदेश जाता है।
रील कल्चर के खिलाफ सीएम धामी ने आवाज उठाई है। इसी के साथ अतिक्रमण करने वालों। और गलत काम को अंजाम देने वालों को भी आंख दिखाई है। सीएम धामी ने साफ शब्दों में चेतावनी जारी करते हुए कह दिया है कि कोई भी अतिक्रमण करता पाएगा। या फिर अवैध मरदसों की आड़ में गलत कामों को भुनाएगा। उसे किसी कीमत में ना तो छोड़ा जाएगा। ना ही वो कानूनी कार्रवाई से बच पाएगा। इसी के नतीजा है कि राज्य में ताबड़तोड़ तरीके से मदरसों को सील किया जा रहा है। अवैध मजारों को तोड़ा जा रहा है। सीएम धामी ने चेतावनी देते हुए कहा "देश और दुनिया के लोग देवभूमि को आस्था व श्रद्धा से देखते हैं। इसलिए राज्य में अतिक्रमण किसी भी कीमत पर सही नहीं है। अतिक्रमण हटाने का अभियान रुकने वाला नहीं है। अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ छेड़े गए अभियान का इसलिए विरोध नहीं होता क्योंकि हम कानून पर चलने वाले लोग हैं। राज्य में हर कार्रवाई और अभियान कानून के तहत हो रहे हैं। अनेक स्थानों में सरकारी भूमि पर अवैध मजारें बनीं थीं। इस लैंड जिहाद के खिलाफ हमने अभियान चलाया। करीब 6000 एकड़ सरकारी जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई। राज्य में मदरसों में पढ़ने वालों की पहचान छुपाई जा रही थी। जहां भी मदरसे अवैध पाए गए, उन्हें सील किया गया। हमारा मानना है कि देवभूमि की पवित्रता बनीं रहनी चाहिए।
बता दें की पूरे राज्य में अवैध मदरसों के खिलाफ ताबड़तोड़ तरीके से एक्शन चल रहा है। जहां भी अवैध मदरसे पाए जा रहे हैं. जांच के बाद उनपर ताले लटकाए जा रहे हैं।बड़ी संख्या में अबतक उत्तराखंड में अवैध मदरसे सील किए जा चुके हैं। और आगे भी कार्रवाई जारी है। सीएम धामी ने धाकड़ एक्शन ने उत्तराखंड में विरोधियों में हड़कंप मचा दिया है। लेकिन विरोधी कितना भी विरोध करें। चिल्लाएं माहौल बनाए। सीएम धामी साफ साफ कह चुके है कि देवभूमि में किसी तरह कि हिमाकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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