बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से छात्र ने पूछा ऐसा सवाल की लग गई मिर्ची! बीजेपी वालों ने ली गजब की चुटकी
बता दें कि बीजेपी ने सोशल मीडिया पर एक साक्षात्कार पोस्ट किया है। जिसमें एक छात्र तेजस्वी यादव से सवाल करता है कि जब उनके माता और पिता बिहार के मुख्यमंत्री थे। तो उस दौरान बिहार का ग्रोथ रेट काफी ज्यादा गिर गया था। छात्र के इस सवाल पर तेजस्वी यादव को मिर्ची लग गई। उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि पता नहीं कहां से डाटा लेकर आए हो।

बिहार विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले से ही माहौल गर्मा गया है। पक्ष और विपक्ष एक दूसरे के ऊपर जमकर हमला कर रहे हैं। वहीं नीतीश और लालू राज में बिहार में जो कुछ भी बदलाव हुआ। उसको लेकर जगह-जगह पर बैनर पोस्टर के जरिए यह बताने की पूरी कोशिश की जा रही है कि किसके राज में कितना काम हुआ। भले ही राज्य में नीतीश कुमार की एनडीए सरकार है। लेकिन लालू यादव से लेकर राबड़ी देवी के बीते कार्यकाल की भी खूब चर्चा है। इस बीच बिहार के विकास दर का भी मुद्दा जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। दोनों ही इस पर जमकर बहस कर रहे हैं। बिहार में विकास राज और जंगल राज पर भी बयान सामने आ रहे हैं।
बिहार में चुनाव से पहले गर्माया माहौल
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव साल के अंत में नवंबर या दिसंबर महीने में हो सकते हैं। अलग-अलग मुद्दों पर पक्ष और विपक्ष आपस में लड़ रहे हैं। इस बीच बिहार के विकास दर पर बहस हुई। इसमें बताया गया कि लालू यादव के समय विकास दर प्रतिशत 0.6 था। लेकिन नीतीश कुमार के आते ही यह 5 प्रतिशत से ऊपर चला गया। वहीं जंगलराज बनाम विकास राज पर भी तेजस्वी यादव का बयान सामने आया है। इसके बाद लोगों ने उन्हें जमकर घेरा है और लोग कह रहे हैं कि वह अपने माता-पिता की भाषा बोल रहे हैं।
बिहार के छात्र ने तेजस्वी से पूछा ऐसा सवाल कि लग गई मिर्ची
बता दें कि बीजेपी ने सोशल मीडिया पर एक साक्षात्कार पोस्ट किया है। जिसमें एक छात्र तेजस्वी यादव से सवाल करता है कि जब उनके माता और पिता बिहार के मुख्यमंत्री थे। तो उस दौरान बिहार का ग्रोथ रेट काफी ज्यादा गिर गया था। दरअसल, छात्र ने सवाल किया कि "1980 से लेकर 1991 तक बिहार का ग्रोथ रेट 5.1 था। लेकिन जैसे ही साल 1990 में लालू यादव मुख्यमंत्री बने। उसके बाद साल 1992 से लेकर 2002 के बीच ग्रोथ रेट 0.6% हो गया। ऐसे में अगर आप सत्ता में आएंगे। तो बिहार के विकास दर की ग्रोथ के लिए क्या करेंगे।" छात्र के इस सवाल पर तेजस्वी यादव को मिर्ची लग गई। उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि पता नहीं कहां से डाटा लेकर आए हो। "साल 1990 में जब लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री थे। तो उस वक्त बिहार का बजट 3000 करोड़ था। जब साल 2005 में नीतीश कुमार आए। तब साल 2005 में यह बजट बढ़कर 25,000 करोड़ हो गया। लालू जी ने 7 बड़े विश्वविद्यालय बनाए। जिनमें आज भी सबसे ज्यादा छात्र पढ़ते हैं। ऐसे में अब समय नहीं है कि पुराने मुद्दों पर बात किया जाए। हमें आज के मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए।
बीजेपी वालों ने ली तेजस्वी की चुटकी
बीजेपी ने तेजस्वी यादव के इस जवाब की चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा कि "लालू यादव का शासन खत्म होते ही बिहार का विकास दर 5 प्रतिशत था। लेकिन जब उनका परिवार था। तो वह 0.6 प्रतिशत था। एक पूरा दशक भ्रष्टाचार, कुशासन और अपराध की भेंट चढ़ गया। जब इस कड़वे सच का सामना हुआ। तो तेजस्वी यादव ने घमंड में जवाब दिया। प्री इंडिपेंडेंस की बात मत करो। सच में ? लालू यादव का राज कोई इतिहास नहीं था। बिहार के लिए वह नरक था। सड़के जर्जर थी। कारोबार खत्म,अपराध चरम सीमा पर और तेजस्वी इसे नकारते हैं। उनके परिवार का विनाशकारी शासन का कोई अस्तित्व ही नहीं था। पूरे बिहार के लिए वह अभिशाप थे। तेजस्वी का अहंकार यह बताता है कि उन्होंने आज तक कुछ नहीं किया।"
1990 के बाद अब तक कैसा रहा है बिहार सरकार का बजट
बीजेपी ने तेजस्वी यादव का जवाब देते हुए। साल 1990 से लेकर अब तक के बजट आंकड़े को भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। जिसमें साल 1991 में बिहार का बजट 3,000 करोड़ था। 2004-5 में 23,885 करोड़, 2015-16 में 1,20,685 करोड़, 2016-17 में 1,44,696 करोड़, 2017-18 में 1,60,086 करोड़, वहीं 2025-26 में 3,16,985 करोड़ तक पहुंच गया है। इस आंकड़े को पेश करने के बाद भाजपा ने कहा कि अगर तेजस्वी यादव झूठ बोल रहे हैं। तो फिर बिहार के विकास की नैया कैसे पार होगी।
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