Akhilesh, Lalu की तरह Eid क्यों नहीं मनाते हैं CM Yogi, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे !
बीजेपी हो या विपक्ष दोनों ही तरफ ऐसे कई नेता हैं, जिनके पास महाकुंभ में जाने के लिए भले ही वक्त नहीं था लेकिन इफ्तार पार्टियों में जाने का वक्त जरूर निकाल लिया क्योंकि यहां सवाल मुस्लिम वोट बैंक का था लेकिन बात जब भगवाधारी योगी आदित्यनाथ की आती है वो तो डंके की चोट पर योगी ने कहा था कि मैं हिंदू हूं इसलिये मैं ईद नहीं मनाता हूं और इस बात का मुझे गर्व है !

देश में मुसलमानों के वोटबैंक पर राजनीति कोई नई बात नहीं है। मुसलमानों के वोट बैंक के लिए ही।लालू परिवार मुहर्रम पर ताजिया पूजता है। रमजान में इफ्तारी करता है। मुसलमानों के वोट बैंक के लिए ही सपाई अखिलेश यादव और कांग्रेसी सोनिया गांधी इफ्तारी दावत उड़ाती हैं। यहां तक कि हिंदुत्व की बात करने वाली बीजेपी भी राजधानी दिल्ली में मुसलमानों को लुभाने के लिए इफ्तार पार्टी में शामिल होती है।और इफ्तार के बाद सीएम रेखा कहती हैं रमजान में राम और दिवाली में अली सौहार्द की गली दिल्ली चली।
बीजेपी हो या विपक्ष। दोनों ही तरफ ऐसे कई नेता हैं। जिनके पास महाकुंभ में जाने के लिए भले ही वक्त नहीं था। लेकिन इफ्तार पार्टियों में जाने का वक्त जरूर निकाल लिया। क्योंकि यहां सवाल मुस्लिम वोट बैंक का था। लेकिन बात जब भगवाधारी योगी आदित्यनाथ की आती है तो उन्हें इस बात की कोई फिकर नहीं रहती कि मुसलमान वोट दें या ना दें। उन्हें इफ्तार पार्टी में नहीं जाना है। तो नहीं जाना है। ईद नहीं मनानी है। तो नहीं मनानी है। और ये बात सीएम योगी ने साल 2018 में ही साफ कर दी थी। जब भरी विधानसभा में डंके की चोट पर योगी ने कहा था कि मैं हिंदू हूं इसलिये मैं ईद नहीं मनाता हूं।और इस बात का मुझे गर्व है।
जिस वक्त सीएम योगी विधानसभा में ये बयान दे रहे थे। उस वक्त सपाई मुखिया अखिलेश यादव विधानसभा में नेता विपक्ष थे।यही वजह है कि सीएम योगी ने भरी विधानसभा से समाजवादी पार्टी के साथ साथ पूरे देश को बता दिया कि मैं हिंदू और मैं ईद नहीं मनाता हूं। क्योंकि अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे। तब भी मुसलमानों के साथ ईद बकरीद मनाते थे। और सत्ता से जाने के बाद भी ईद बकरीद मनाते हैं। यहां तक कि साल 2020 में जब कोरोना की वजह से लोग एक दूसरे से हाथ मिलाने में भी परहेज करते थे। तब भी अखिलेश यादव बकरीद मनाने के लिए मुसलमानों के घर गये थे।
कोरोना में भी बकरीद मनाने वाले अखिलेश यादव इस बार रमजान के मौके पर राजधानी दिल्ली में जहां कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। तो वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ में भी मुसलमानों की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। और ये कोई पहली बार नहीं है। पिछले कई सालों से अखिलेश यादव इफ्तार पार्टी से लेकर ईद बकरीद तक मनाते रहे हैं। क्योंकि ये बात वो भी जानते हैं कि यूपी में बड़ी संख्या में मुसलमान सपा को वोट करते हैं।और अगर वो इफ्तार पार्टी। या ईद बकरीद में नहीं जाते हैं तो उनका वोट बैंक नाराज हो जाएगा। लेकिन सीएम योगी को ऐसा कोई डर नहीं है ।शायद इसीलिये सीएम योगी डंके की चोट पर कहते हैं कि मैं हिंदू हूं इसलिये मैं ईद नहीं मनाता हूं और इस बात का मुझे गर्व है। तो वहीं मुस्लिमों की टोपी लगाने पर तो सीएम योगी ने यहां तक कह दिया था कि।
"मेरी आस्था मेरे साथ है, मैं जबरन पाखंड क्यों करूं, जो मेरी आस्था होगी मैं वही तो बोलूंगा, मैं उन लोगों में नहीं हूं जो चोरी-छिपे टीका लगाते हों, चोटी रखते हों और फिर किसी सम्मेलन में जाकर गोल टोपी लगा कर लोगों को भरमाने का काम भी करते हों, मैं टीका लगाता हूं तो टीका ही लगाऊंगा, रक्षा सूत्र बांधूंगा तो रक्षा सूत्र ही बांधूंगा, गोल टोपी नहीं लगाना है तो नहीं लगाना है, मेरी आस्था राम में है तो मैं मंदिर ही जाऊंगा, अनावश्यक रूप से दूसरे को भ्रम में नहीं रखूंगा"
योगी का ये बयान बता रहा है कि वो देश के बाकी नेताओं की तरह नहीं हैं।कि सिर्फ वोट बैंक के लिए गोल टोपी भी लगा लें। वो एक ऐसे नेता हैं जो कहते हैं मैं टीका लगाता हूं तो टीका ही लगाऊंगा, रक्षा सूत्र बांधूंगा तो रक्षा सूत्र ही बांधूंगा, गोल टोपी नहीं लगाना है तो नहीं लगाना है। तो वहीं ईद मनाने को लेकर भी सीएम योगी कह चुके हैं कि मैं हिंदू हूं इसलिये मैं ईद नहीं मनाता हूं। और इस बात का मुझे गर्व है।
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