शिवराज के बाद इस BJP नेता को मिली फ्लाइट में टूटी सीट, DGCA पर भड़के
हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री Shivraj Singh chauhan ने Air india की Flight में अपनी यात्रा का खराब अनुभव शेयर किया था. फ्लाइट में उन्हें टूटी सीट दी गई थी. अब BJP के एक बड़े नेता ने Indigo में वही शिकायत का जिक्र करते हुए DGCA से कार्रवाई की मांग की.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिन पहले ही हवाई सेवा को लेकर DGCA को लताड़ लगाई थी। उन्हें एयर इंडिया की फ्लाइट में टूटी सीट मिलने पर कंपनी मैनेजमेंट से शिकायत की थी।और एयर इंडिया पर यात्रियों को धोखा देने का आरोप लगाया। शिवराज सिंह चौहान के बाद अब BJP के एक और बड़े नेता ने खराब सर्विस को लेकर DGCA से शिकायत की है।
हाई चार्जेस लेने के बावजूद एयरलाइन कंपनियां अपने यात्रियों को बेहतर सर्विस देने में नाकाम हैं। भारी भरकम किराए के कारण पहले तो आम आदमी फ्लाइट में यात्रा कर नहीं पाता। फिर भी इमरजेंसी में आनन-फानन में कहीं अचानक जाना पड़ जाए तो एयरलाइंस लूटने का मौका नहीं छोड़ती। मोटा किराया वसूलकर भी यात्रियों को काम चलाऊ सर्विस भी नहीं मिल पा रही। आए दिन एयरलाइंस कंपनी के कुप्रंबधन की शिकायतें आती रहती हैं। पर अब तो पानी सिर से ऊपर जा चुका। क्योंकि इस बार आम लोगों ने नहीं बल्कि बेहद खास लोगों ने इनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद पंजाब BJP के अध्यक्ष सुनील जाखड़ को फ्लाइट में खराब अनुभव से गुजरना पड़ा।
दरअसल, सुनील जाखड़ ने सोशल मीडिया पर INDIGO की फ्लाइट से यात्रा का एक्सपीरियंस शेयर किया। शिवराज सिंह चौहान की तरह ही उन्हें भी इंडिगों में टूटी, ढीली सीट मिली। सीट की तस्वीरें शेयर करते हुए उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू, DGCA और इंडिगों को टैग करते हुए लंबा चौड़ा नोट लिखा। सुनील जाखड़ ने अपनी पोस्ट में कहा, "ऐसा लगता है कि टूटी हुई सीटें, जैसा कि शिवराज सिंह चौहान जी ने बताया है, एयर इंडिया तक ही सीमित नहीं है. 27 जनवरी की इंडिगो चंडीगढ़-दिल्ली फ्लाइट की कुछ तस्वीरें यहां दी गई हैं। जिसमें कई सीटों पर ढीले कुशन लगे हुए हैं और वे सुरक्षा मानकों के अनुरूप फितेड सीटें भी नहीं हैं। केबिन क्रू ने विनम्रता से बताया कि वे इस पर कुछ नहीं कर सकते और कहा कि मुझे कंपनी की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए। मुझे ढीले कुशन या सीटों के आराम की चिंता नहीं है। मैं इसलिए लिख रहा हूं ताकि DGCA यह सुनिश्चित करे कि इन दो प्रमुख एयरलाइंस का 'चलता है' वाला रवैया विमान की सर्विसिंग और रखरखाव के दौरान सुरक्षा मानदंडो के पालन तक न बढ़े"
सुनील जाखड़ की शिकायते बाद इंडिगों की ओर से भी सफाई आई। जिसमें कहा गया "सर, हमारी सीटें हटाने योग्य कुशन के साथ डिजाइन की गई हैं। जिन्हें वेल्फ्रो की मदद से सुरक्षित किया जाता है। ताकि सफाई और रखरखाव में आसानी हो। दुर्लभ अवसरों पर ये कुशन ढीले हो सकते हैं। बेहतर आराम के लिए फिर व्यवस्थित करने की जरूरत हो सकती है। यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और सीटों के डिजाइन से कोई समझौता नहीं किया जाएगा"
अब जरा सोचिए एयरलाइंस कंपनियां जब VVIP लोगों के साथ ऐसा बर्ताव कर रही हैं तो आम आदमी को तो क्या ही समझेंगी। सुनील जाखड़ की शिकायत के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने भी अपनी भड़ास निकाली। किसी ने लिखा, "जब सरकार को ही टूटी सीट मिल रही है तो आम आदमी को फर्श पर बैठकर यात्रा करनी होगी। सावधान "
India. किसी ने लिखा, "सरकार में बैठे लोगों का ये हाल है तो जनता का क्या ही होगा ? एक ने पूछा, सिविल एविएशन मिनिस्टर को कुछ कहते क्यों नहीं ? तो किसी ने लिखा, अपनी ही व्यवस्था पर सवाल क्यों पूछते हो ? किसी ने कहा, कभी ट्रेन और बस का हाल भी ले लिया करें"
इससे पहले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एयर इंडिया की फ्लाइट में टूटी सीट की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था, "मैंने एयर इंडिया की फ्लाइट में संख्या A1436 में टिकट बुक करवाया था. मुझे सीट संख्या 8C दी गई थी। मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी हुई और अंदर धंसी हुई थी। बैठना तकलीफदायक था। जब मैंने इस बारे में केबिन क्रू से पूछा। जिस पर क्रू ने जवाब दिया कि हमने मैनेजमेंट को इस बारे में बताया था। टूटी सीट के बावजूद उसकी टिकट दी गई "
शिवराज सिंह ने कहा कि, मेरा मानना था कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एयर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी। लेकिन मैं गलत था। केंद्रीय मंत्री ने माना कि यात्रियों से मोटा पैसा वसूल करने के बाद भी एयरलाइन कंपनियां उनके साथ धोखा करती हैं। हालांकि शिवराज सिंह चौहान की शिकायत के बाद सिविल एविएशन मिनिस्टर राममोहन नायडू ने मामले की जांच के निर्देश दिए। जिसके बाद DGCA ने एयर इंडिया से रिपोर्ट मांगी।
मंत्रियों, माननीयों, खास लोगों की शिकायत का समाधान तो कंपनियां कर ही देंगी। लेकिन हमारा सवाल ये है कि एयरलाइंस कंपनियां आम लोगों को कब तक मूर्ख समझती रहेंगी। जो तकलीफ आज मंत्रीजी को हुई है, नेताजी को हुई है ऐसी तकलीफों से आम आदमी आए दिन दो चार होता है। कोविड के बाद से ही एयरलाइंस कंपनियां अपनी मनमर्जी कर रही हैं।कभी बिन बताए फ्लाइट कैंसल हो जाती है तो कभी यात्रियों को छोड़कर ही उड़ान भर देती है. लिमिट से ज्यादा बुकिंग। चेक इन सर्विस में कॉम्प्लिकेशंस , फ्लाइट के अंदर खराब एसी, खराब सीट। सब कुछ मानों आम हो गया। क्या इतना किराया सिर्फ एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए लिया जा रहा है ? बहरहाल अभी तक तो सारी शिकायतें तो ठंडे बस्ते में डाली जा रही थीं। लेकिन सवाल माननीयों ने उठाया है तो देखने होगा एयरलाइंस कंपनियां पर DGCA कितना सख्त होगा ?
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