Hanuman Jayanti 2025: घर में हनुमान जी की ये तस्वीरें लाएंगी संकट, हो सकता है भारी नुकसान
Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती 2025 पर हनुमान जी की पूजा करते समय कौन-सी तस्वीरें घर, ऑफिस या कार्यस्थल में नहीं लगानी चाहिए। धार्मिक और वास्तु मान्यताओं के अनुसार, कुछ विशेष तस्वीरें जैसे लंका दहन, सीना चीरते हुए हनुमान या संजीवनी पर्वत लेकर उड़ते हुए चित्र घर की शांति और ऊर्जा को प्रभावित कर सकते हैं।

Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती का पर्व हिंदू धर्म में आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। इस साल यह पावन दिन 12 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। भक्तों के लिए यह दिन न केवल विशेष है, बल्कि जीवन के संकटों से मुक्ति पाने का भी एक आध्यात्मिक अवसर है। इस दिन लोग अपने घर, कार्यस्थल या मंदिरों में हनुमान जी की तस्वीरें लगाते हैं, पूजन करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हनुमान जी की हर तस्वीर शुभ फल नहीं देती? क्या आपको यह जानकारी है कि कुछ चित्र ऐसे भी हैं जिन्हें घर या ऑफिस में लगाना शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना गया है? अगर नहीं, तो इस हनुमान जयंती पर यह जान लेना जरूरी है, वरना बजरंगबली की कृपा की जगह अनजाने में अशुभता आमंत्रित कर सकते हैं।
क्यों जरूरी है सही तस्वीर चुनना?
हनुमान जी सिर्फ एक पूज्य देवता नहीं हैं, बल्कि शक्ति, सेवा, भक्ति और विजय के प्रतीक भी हैं। लेकिन हनुमान जी की मूर्तियाँ और चित्र उनकी विभिन्न स्थितियों को दर्शाते हैं कहीं वे रौद्र रूप में हैं, कहीं युद्धरत, तो कहीं शांत मुद्रा में प्रभु राम की सेवा में। धार्मिक मान्यता और वास्तु शास्त्र दोनों यह बताते हैं कि किसी भी देवी-देवता की तस्वीर का प्रभाव केवल भावनात्मक नहीं होता, बल्कि वह आपके मन, स्थान और ऊर्जा पर भी असर डालती है। ऐसे में अगर कोई तस्वीर उनके रौद्र या युद्धमय स्वरूप को दर्शा रही हो, तो उसका असर आपके घर या कार्यस्थल की शांति पर नकारात्मक हो सकता है।
इन 6 तस्वीरों से करें परहेज
इस बार जब आप हनुमान जयंती पर पूजन के लिए हनुमान जी की तस्वीर लाने का मन बना रहे हैं, तो नीचे बताई गई 6 तस्वीरों से अवश्य बचें। ये तस्वीरें देखने में जितनी आकर्षक लगती हैं, उनके प्रभाव उतने ही उल्टे हो सकते हैं।
1. संजीवनी पर्वत लेकर उड़ते हनुमान
यह चित्र हनुमान जी की वीरता और बलिदान को दर्शाता है, लेकिन यह ‘अस्थिरता’ का प्रतीक भी है। मान्यता है कि इस तस्वीर को घर या ऑफिस में लगाने से वहां स्थिरता नहीं रहती। परिवार में मानसिक अशांति, कार्य में बार-बार बाधा और मन में बेचैनी बनी रहती है।
2. सीना चीरते हुए हनुमान जी
यह चित्र उनके असीम भक्ति भाव को दिखाता है, जब वे अपने सीने को चीरकर राम और सीता को दिखाते हैं। लेकिन घर या ऑफिस में इसे लगाना अशुभ माना गया है, क्योंकि यह आत्म-बलिदान और पीड़ा का प्रतीक बन जाता है। यह मनोवैज्ञानिक रूप से भी बेचैनी उत्पन्न करता है।
3. लंका दहन करते हुए हनुमान
यह तस्वीर हनुमान जी के रौद्र रूप को दिखाती है। यह युद्ध, अग्नि और क्रोध का संकेत देती है। घर या ऑफिस में इसे लगाने से झगड़े, तनाव, गुस्से की स्थिति और पारिवारिक कलह का माहौल बन सकता है।
4. राम-लक्ष्मण को कंधे पर उठाए हुए हनुमान
यह चित्र हनुमान जी की सेवा भावना को दर्शाता है, लेकिन इसमें हनुमान जी पर ‘भार’ दर्शाया गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसे चित्र जो ‘भार वहन’ को दिखाते हैं, वे आर्थिक दबाव, तनाव और जिम्मेदारियों से घिरे रहने का प्रतीक बनते हैं।
5. पंचमुखी हनुमान
यह एक रहस्यमय और शक्तिशाली स्वरूप है, जो तंत्र-मंत्र और रक्षा के लिए जाना जाता है। इसे मंदिरों या घर के मुख्य द्वार के बाहर लगाया जाता है, लेकिन पूजा घर या लिविंग स्पेस में लगाना वर्जित है। बिना विधिवत पूजा के पंचमुखी हनुमान की तस्वीर रखना नकारात्मकता को न्योता देना माना जाता है।
6. कालनेमी और मकरी वध की घटना वाली तस्वीर
हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे, तब कालनेमी नामक राक्षस और मकरी के वध की कथा आती है। इससे जुड़ी तस्वीरें युद्ध, छल और संघर्ष का प्रतीक होती हैं। इन्हें घर में रखना अशुभ माना गया है, क्योंकि यह विवाद, रोग और मानसिक तनाव का संकेत बन सकती हैं।
किस प्रकार की तस्वीर लगानी चाहिए?
अगर आप चाहते हैं कि हनुमान जी की कृपा आपके घर, ऑफिस या जीवन में बनी रहे, तो रामभक्त मुद्रा में folded hands वाले हनुमान जी की तस्वीरें लगाना शुभ माना जाता है। इसके अलावा प्रभु राम के चरणों में बैठे हुए शांत हनुमान जी, गदा धारण किए हुए हनुमान जी की साधारण मुद्रा में तस्वीर, सिंदूर अर्पित करते भक्तों को आशीर्वाद देते हनुमान जी। इनमें सकारात्मकता, भक्ति, विनम्रता और शांति का भाव होता है, जो आपके जीवन में संतुलन लाता है।
हनुमान जयंती का सही तरीका
हनुमान जयंती के दिन भक्त सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करते हैं, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामायण का पाठ करते हैं। इस दिन चरणामृत, पंचामृत, सिंदूर, जनेऊ, चने का भोग और गुड़-चना का विशेष महत्व होता है। ब्रह्मचर्य का पालन, एकाग्रता, और शुद्ध भाव इस दिन की सबसे बड़ी भक्ति होती है। मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से इस दिन पूजा करता है, बजरंगबली उसकी रक्षा करते हैं और जीवन से भय, रोग, दरिद्रता दूर होती है।
हनुमान जी असीम शक्ति और भक्ति के देवता हैं। लेकिन हर शक्ति का सही उपयोग तभी संभव है जब हम उसे सही दिशा दें। इस हनुमान जयंती पर केवल भक्ति नहीं, सही जानकारी और समझदारी से पूजा करें। चित्र चुनते समय भावनाओं से नहीं, शास्त्र और वास्तु की दृष्टि से सोचें। तभी आपके घर और जीवन में हनुमान जी की कृपा स्थायी रूप से बनी रहेगी।
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