हज यात्रा से पहले भारतीयों के दोनों हाथों में सऊदी ने थमाए लड्डू
जो कि हर साल होने वाली हज यात्रा में लाखों की संख्या में मुसलमानों की भीड़ उमड़ती है. भारत का मुसलमान भी हज करने मक्का पहुँचता है. ऐसे में हाजियों के लिए सऊदी अरब कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी लेकर आया है और क्या इस साल गर्मियों का आख़िरी हज है ?

खुद को अल्लाह के प्रति समर्पित करना, अल्लाह के आदेशों का पालन करना, अपने पापों की क्षमा याचना करना , अल्लाह की शक्ति का अनुभव करना और तो और, इस्लामी धार्मिक विरासत को गहराई से समझना .हक़ीक़त में हज करने का यही मतलब होता है. यही कारण है कि हज यात्रा से जुड़ना प्रत्येक मुसलमान के दिल की हसरत होती है. जो कि इस्लाम में मूर्ति पूजा वर्जित मानी गई है, जिस कारण हज यात्रा को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना गया. जो भी मुसलमान शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम होता है, उसे हज यात्रा करना अनिवार्य बताया गया है. जो कि हर साल होने वाली हज यात्रा में लाखों की संख्या में मुसलमानों की भीड़ उमड़ती है. भारत का मुसलमान भी हज करने मक्का पहुँचता है. ऐसे में हाजियों के लिए सऊदी अरब कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी लेकर आया है और क्या इस साल गर्मियों का आख़िरी हज है ?
ख़ुशख़बरी सुनाने से पहले हाजियों को मिलने वाली बड़ी राहत क्या है, आईये जानते हैं. ये जग ज़ाहिर है कि सऊदी अरब का मक्का-मदीना शहर जहां मौजूद है पैगंबर इब्राहिम और उनके बेटे पैगंबर इस्माइल द्वारा बनाया गया काबा. जिसके ईद-गिर्द की जानी वाली यात्रा हज कहलाई जाती है और इसी हज यात्रा से जुड़ना प्रत्येक मुसलमान के दिल की हसरत होती है. जो कि हज यात्रा की तारीख़ इस्लामी कैलेंडर के आधार पर निर्धारित होती है. इसलिए चंद्रमा की बदलती स्थिति के चलते मौजूदा साल यानी 2025 में होने वाला हज गर्मी के मौसम में होने वाला आखिरी हज होगा. ऐसे इसलिए, क्योंकि अगले साल, 2026 से हज गर्मी से वसंत के मौसम की तरफ खिसक जाएगा. 2026 से 2033 तक हज वसंत में और 2034 से 2041 तक सर्दियों के मौसम में आएगा. इसके बाद 2042 में हज फिर से गर्मियों में वापस आ जाएगा. ऐसे में 2025 के बाद अगले 16 वर्षों तक हज गर्मियों में नहीं होगा.
इसको लेकर सऊदी के मौसम विभाग ने ये जानकारी दी है. 2025 का हज गर्मी में होने वाला आखिरी हज होगा। इसके बाद हज का समय धीरे-धीरे बदलकर ठंड के महीनों में आ जाएगा। इस बदलाव से सऊदी सरकार और हाजियों, दोनों को राहत मिलेगी।इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार हज हर साल पूर्व के मुकाबले 10 दिन पहले होता है। इसलिए 2026 से हज का समय बदल जाएगा।
गौर करने वाली बात ये कि गर्मियों में होने वाली हज यात्रा हाजियों के लिए चुनौतियों से भरी रहती है. पिछले कुछ सालों में गर्मी के बढ़ते सितम की वजह से हाजियों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी. लेकिन अब आगे उनके लिए बड़ी राहत है, क्योंकि इस साल के अगले 16 वर्ष के बाद ही गर्मियों में हज यात्रा होगी. इसी राहत के बीच सऊदी अरब ने भारतीय मुसलमानों को बड़ी खुशशबरी दी है अब आप इसे पीएम मोदी की शानदार डिप्लोमेसी कहे या फिर मिडल ईस्ट में भारतीयों का बजता डंका, हज यात्रा को लेकर सऊदी सरकार ने हज कोटा बढ़ा दिया है. दरअसल सऊदी सरकार के साथ हुए समझौते के तहत भारत का हज कोटा इस साल175025 निर्धारित किया गया, जो पिछले साल 2024 के 170, 000 की तुलना में वृद्धि दर्शाता है. यानी की भारतीय मुसलमानों के लिए सऊदी सरकार ने अपना हज कोटा बढ़ा दिया है. ऐसे में ये कहना गलता नहीं होगा. हज से पहले हाजियों के दोनों हाथों में लड्डू आ गये हैं.