ड्राइविंग लाइसेंस पर बड़ा अपडेट! दिव्यांग लोगों के लिए आई राहत की खबर
मोटर व्हीकल एक्ट और सड़क परिवहन मंत्रालय के नियमों के अनुसार, यदि कोई दिव्यांग व्यक्ति किसी वाहन को सुरक्षित तरीके से चलाने में सक्षम है, तो उसे ड्राइविंग लाइसेंस देने से रोका नहीं जा सकता।

Driving License Rules: भारतीय कानून के अनुसार दिव्यांग व्यक्तियों को भी ड्राइविंग लाइसेंस मिल सकता है, बशर्ते कि वे कुछ जरूरी शर्तों को पूरा करते हों। मोटर व्हीकल एक्ट और सड़क परिवहन मंत्रालय के नियमों के अनुसार, यदि कोई दिव्यांग व्यक्ति किसी वाहन को सुरक्षित तरीके से चलाने में सक्षम है, तो उसे ड्राइविंग लाइसेंस देने से रोका नहीं जा सकता।सरकार का उद्देश्य दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना है, और इसी सोच के तहत अब ऐसे लोग भी विशेष प्रकार के मॉडिफाइड वाहनों के लिए लाइसेंस ले सकते हैं।
किन वाहनों के लिए मिल सकता है लाइसेंस?
दिव्यांग व्यक्ति को उस वाहन के लिए लाइसेंस मिलता है जो उसकी आवश्यकताओं के अनुसार संशोधित (modified) किया गया हो। जैसे:
1. हाथ से चलने वाला स्कूटर (Hand-Controlled Scooter)
2. ऑटोमैटिक कार जिसमें ब्रेक और एक्सीलेरेटर हाथ से कंट्रोल किया जा सके
3. तीन पहियों वाला वाहन (Tri-wheeler), जिसे विशेष रूप से डिजाइन किया गया हो
4. अगर कोई दिव्यांग व्यक्ति ऐसा वाहन चला सकता है जो उसके शारीरिक स्थिति के अनुसार ठीक से मोडिफाई किया गया हो, तो उसे ड्राइविंग टेस्ट पास करने पर ड्राइविंग लाइसेंस दिया जा सकता है
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी शर्तें
आयु सीमा: न्यूनतम उम्र वही होती है जो सामान्य लोगों के लिए होती है (दोपहिया वाहन के लिए 16 वर्ष और चारपहिया के लिए 18 वर्ष)।
फिटनेस सर्टिफिकेट: सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल से एक फिटनेस प्रमाणपत्र लेना होता है, जो साबित करे कि आप वाहन चलाने में सक्षम हैं।
मेडिकल टेस्ट: RTO (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) द्वारा निर्धारित मेडिकल जांच से गुजरना होता है।
ड्राइविंग टेस्ट: आपको अन्य लोगों की तरह एक ड्राइविंग टेस्ट देना होता है, जिससे RTO यह सुनिश्चित कर सके कि आप सुरक्षित तरीके से वाहन चला सकते हैं।
आवेदन कैसे करें?
1. सबसे पहले अपने क्षेत्र के RTO कार्यालय में जाएं या परिवहन वेबसाइट पर जाकर आवेदन करें।
2. आवेदन फॉर्म में आपको अपनी दिव्यांगता की जानकारी सही-सही भरनी होगी।
3. अपने वाहन की डिटेल दें – खासकर अगर वह मॉडिफाइड व्हीकल है।
जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे:
आधार कार्ड
फोटो
मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट
वाहन के कागज
दिव्यांग प्रमाणपत्र (Disability Certificate)
आवेदन के बाद आपको टेस्ट की तारीख दी जाएगी।
ड्राइविंग टेस्ट पास करने के बाद आपको लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा।
सरकार की पहल और छूट
भारत सरकार और राज्य सरकारें दिव्यांगजनों को विशेष सुविधा और छूट भी देती हैं, जैसे:
1. कुछ राज्यों में RTO फीस में छूट
2. टैक्स छूट (modified vehicles पर रोड टैक्स में राहत)
3. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में प्राथमिकता
4. पब्लिक ट्रांसपोर्ट या विशेष पार्किंग सुविधा
दिव्यांगता अब किसी भी व्यक्ति के आत्मनिर्भर बनने में रुकावट नहीं है। यदि आप शारीरिक रूप से अक्षम हैं लेकिन वाहन चलाने में सक्षम हैं, तो आपको भी ड्राइविंग लाइसेंस लेने का पूरा अधिकार है। बस आपको नियमों के अनुसार प्रक्रिया को पूरा करना होता है, और फिर आप भी रोड पर आत्मविश्वास के साथ गाड़ी चला सकते हैं।