Delhi Election Result: जिस उम्मीदवार के PM Modi ने छुए पैर उसने Awadh Ojha को हरा दिया !
Delhi Assembly Result: चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने भरे मंच पर जिस बीजेपी उम्मीदवार के छुए थे पैर सुनिये उस बीजेपी नेता का क्या हाल हुआ ?

राजधानी दिल्ली में आखिरी बार 1998 में बीजेपी सत्ता में थी। और पार्टी की तेज तर्रार नेता सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री थी। लेकिन साल 1998 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को हराकर सत्ता हासिल की। तो उसके बाद 26 साल तक बीजेपी दिल्ली की सत्ता में नहीं आ सकी।यही वजह है कि सत्ता का सूखा दूर करने के लिए बीजेपी ने जहां धुआंधार चुनाव प्रचार किया। तो वहीं दूसरी तरफ खुद पीएम मोदी ने ताबड़तोड़ रैलियां की।29 जनवरी को करतार नगर की एक रैली में तो पीएम मोदी ने बीजेपी उम्मीदवार के पैर भी छू लिये थे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिस उम्मीदवार के पीएम मोदी ने पैर छुए।उस उम्मीदवार का क्या हाल है।
करतारपुर की रैली में पीएम मोदी ने मंच पर ही जिस बीजेपी उम्मीदवार के पैर छुए। उस उम्मीदवार का नाम है रविंदर सिंह नेगी। जिन्हें बीजेपी ने राजधानी दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया था। जिनके लिए चुनाव प्रचार करने के लिए खुद पीएम मोदी गये थे।और इसी दौरान मंच पर ही उनके पैर छुते हुए नजर आए थे।
बीजेपी ने रविंदर सिंह नेगी को जिस पटपड़गंज सीट से उतारा था। ये वो सीट थी। जहां से लगातार तीन बार पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया चुनाव जीत रहे थे। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी ने सिसोदिया की सीट बदल कर उन्हें जंगपुरा से लड़ा दिया था। तो वहीं पटपड़गंज से अवध ओझा को आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया था। लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो अवध ओझा चुनाव हार गये।
पटपड़गंज सीट के नतीजे। AAP उम्मीदवार अवध ओझा चुनाव हारे। BJP उम्मीदवार रविंदर सिंह नेगी जीते। कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे।
बीजेपी उम्मीदवार रविंदर सिंह नेगी पहली बार पटपड़गंज से चुनाव जीते लेकिन इसके बावजूद वो बेहद सहज नजर आए।और जीत के बावजूद खुद आप उम्मीदवार अवध ओझा के पास गये। उन्हें अपना भाई बता कर मुलाकात की।
कुछ ही महीनों पहले आम आदमी पार्टी में शामिल कर राजनीति में उतरे अवध ओझा पहली बार पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़े थे। और पहला ही चुनाव हार गये। लेकिन इसके बावजूद अवध ओझा ने कहा वो अगला विधानसभा चुनाव भी इसी सीट से ही लड़ेंगे।
पटपड़गंज सीट से चुनाव जीते रविंदर सिंह नेगी के बारे में आपको बता दें। उनकी गिनती संघ के करीबी नेताओं में होती है। यही वजह है कि बीजेपी ने उन्हें दोबारा टिकट देकर मैदान में उतारा था। और उनकी टक्कर इस बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अवध ओझा और दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल चौधरी से थी। जब चुनावी नतीजे आए तो उन्होंने दोनों ही नेताओं को हरा कर जीत का भगवा गाड़ दिया। और अब दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के रेस में भी उनका नाम आगे चल रहा है। ऐसे आपको क्या लगता है। क्या रविंदर सिंह नेगी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।
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