THURSDAY 01 MAY 2025
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विदेशों में कौन संभाल रहा है लॉरेंस बिश्नोई गैंग की कमान? जानिए कैसे करता है यह गैंग काम

लॉरेंस बिश्नोई का नाम भारत में गैंगस्टर की दुनिया में तब प्रमुखता से आया जब 2022 में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई। उसके बाद, लॉरेंस बिश्नोई ने एक अंतरराष्ट्रीय अपराध साम्राज्य खड़ा कर लिया। वह जेल में रहते हुए भी, कनाडा, अमेरिका, इंग्लैंड, और पुर्तगाल में अपने हिटमैन से ऑपरेशन चलाता है।

विदेशों में कौन संभाल रहा है लॉरेंस बिश्नोई गैंग की कमान? जानिए कैसे करता है यह गैंग काम
लॉरेंस बिश्नोई, गैंगस्टर की दुनिया का यह नाम साल 2022 में तब चर्चा में आया था जब पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई। कहते है इसी के बाद से लॉरेंस बिश्नोई ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना आपराधिक साम्राज्य खड़ा कर लिया था। इतना ही नहीं वह जेल में रहते हुए कनाडा, अमेरिका, इंग्लैंड, और पुर्तगाल में अपने हिटमैन से ऑपरेशन चलाता है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर कौन विदेशों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की कमान संभाले हुए है। और आखिर कैसे करता है यह गैंग काम।
लॉरेंस बिश्नोई का अपराध जगत में उदय
आपराध जगत में लॉरेंस बिश्नोई की एंट्री तब शुरू हुई जब वह साल 2012 में बठिंडा जेल में बंद हुआ था। धीरे-धीरे, उसके गैंग का प्रभाव पंजाब से बाहर निकलकर पूरे भारत और फिर धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल गया। उसने जेल में रहकर बड़े-बड़े अपराधों को अंजाम दिया, जिसमें सबसे चर्चित हत्या सिद्धू मूसेवाला की रही। जिसके बाद सलमान खान पर हमले की साजिश और महाराष्ट्र के विधायक बाबा सिद्दीकी के मर्डर में उसका नाम जिस तरह से सामने आया, उसने एक बार फिर से लॉरेंस बिश्नोई का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया है।

लॉरेंस बिश्नोई के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की बात करें तो, लॉरेंस बिश्नोई ने अपने गैंग के संचालन को तीन प्रमुख देशों में बांटा है: कनाडा, अमेरिका, और इंग्लैंड। इन देशों में बसे उसके सहयोगी, वहां के ऑपरेशन्स को बखूबी संभाल रहे हैं और गैंग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाने का काम कर रहे हैं।

कनाडा में गैंग की कमान

कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई के सबसे करीबी सहयोगी गोल्डी बराड़ हैं। गोल्डी का असली नाम सतींद्रजीत सिंह है, और वह पिछले कई सालों से बिश्नोई के गैंग से जुड़े हुए हैं। गोल्डी कनाडा में रहते हुए भी भारत में कई आपराधिक गतिविधियों का नेतृत्व कर रहे हैं। इसके अलावा, उनके साथ कनाडा में लेखप्रीत और सत्यवीर भी गैंग के विस्तार और ऑपरेशंस को संचालित कर रहे हैं। कनाडा से संचालित होने वाली गतिविधियों में धमकियां, जबरन वसूली, और हत्याएं शामिल हैं।
अमेरिका में लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क
अमेरिका में लॉरेंस बिश्नोई के गैंग की कमान गुरप्यार बागापुराना और अमनदीप मुल्तानी जैसे अपराधी संभाल रहे हैं। ये दोनों ही व्यक्ति लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं और बिश्नोई के साथ जुड़े हुए हैं। अमेरिका में गैंग का मुख्य काम ड्रग तस्करी और धन उगाही है। इसके अलावा, ये अपराधी सोशल मीडिया के जरिए धमकियां देने और अपराधों की योजना बनाने का काम करते हैं।

इंग्लैंड और यूरोप में गैंग की उपस्थिति

इंग्लैंड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का संचालन राजा उर्फ मोंटी करता है। इंग्लैंड में बसे भारतीय आपराधिक संगठनों के साथ मोंटी की अच्छी पकड़ है, जिससे वह गैंग के ऑपरेशन्स को आगे बढ़ा रहा है। इसके अलावा, पुर्तगाल में लखा कुरुक्षेत्र भी इस गैंग का हिस्सा है, जो गैंग के संचालन को यूरोप में मजबूत कर रहा है।
लॉरेंस बिश्नोई का गैंग कैसे करता है काम?
लॉरेंस बिश्नोई गैंग अपनी अपराधी गतिविधियों को संगठित ढंग से संचालित करता है। भारत में होने वाले कई बड़े अपराधों की योजना विदेशों में बनाई जाती है, और वहां से निर्देश दिए जाते हैं। सोशल मीडिया, खासकर व्हाट्सएप और टेलीग्राम, का उपयोग धमकियां देने और अपराधों की योजना बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, विदेशों में बसे सहयोगी आपराधिक फंडिंग, ड्रग्स की तस्करी, और हथियारों की खरीद-फरोख्त में भी लिप्त हैं।

डिजिटल मीडिया का इस्तेमाल: गैंग के सदस्य सोशल मीडिया का उपयोग धमकियां देने और आपराधिक गतिविधियों की योजना बनाने में करते हैं। पुलिस और कानून से बचने के लिए ये लोग एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं।

नए सदस्यों की भर्ती: बिश्नोई गैंग अपने नेटवर्क को बढ़ाने के लिए नए सदस्यों की भर्ती करता रहता है, खासकर युवाओं को इसमें शामिल करने के लिए उकसाता है। सोशल मीडिया के माध्यम से इन्हें गैंग की ओर आकर्षित किया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग: विदेशों में बसे सदस्य भारतीय आपराधिक गतिविधियों में मदद करते हैं और गैंग के संचालन को बनाए रखते हैं। इनकी भूमिका आपराधिक गतिविधियों की फंडिंग, हथियारों की खरीद, और ड्रग्स की तस्करी में होती है।

लॉरेंस बिश्नोई के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को समाप्त करना भारतीय कानून प्रवर्तन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसके पीछे का प्रमुख कारण है कि गैंग के प्रमुख सरगना विदेशों में छिपे हुए हैं, जहां से वे आसानी से भारत में अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। इंटरपोल और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से इन अपराधियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक इनमें बड़ी सफलता हासिल नहीं हो पाई है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क उसकी ताकत का सबसे बड़ा स्तंभ है। विदेशों में बसे उसके सहयोगी न केवल गैंग को मजबूत बनाए हुए हैं, बल्कि भारत में होने वाले अपराधों की दिशा भी तय कर रहे हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए इस गैंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना जरूरी है, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके बढ़ते प्रभाव को रोका जा सके।
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