THURSDAY 01 MAY 2025
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एफिल टॉवर से भी ऊंचा, 1315 मीटर लंबाई...ब्लास्ट का नहीं होगा असर, कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज देख चीन-पाकिस्तान पस्त

अब वो दिन दूर नहीं जब कश्मीर में देश के प्रधानमंत्री दुनिया के सबसे ऊँचे रेल और उसमें चलने वाली हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को हरी झंडी दिखाएंगे और दुनिया के सामने भारत की ताकत पेश करेंगे।

एफिल टॉवर से भी ऊंचा, 1315 मीटर लंबाई...ब्लास्ट का नहीं होगा असर, कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज देख चीन-पाकिस्तान पस्त
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने चीन की चौधराहट पर रफ़्तार का ऐसा बाण चलाया है कि जिनपिंग की लाल सेना का खून पानी-पानी हो गया है. कश्मीर की तस्वीर बदलकर पाकिस्तान के मुंह पर ऐसा तमाचा जड़ा है कि शाहबाज शरीफ की शराफ़त के चोले कब्र में दफ़्न हो गए हैं. वहीँ ख़ुद को दुनिया का दादा समझने वाला अमेरिका भी भारतीय इंजीनियरिंग और साइंटिस्ट का नायाब और बेहतरीन उदाहरण देख हैरान है.

हम बात कर रहे हैं चिनाब ब्रिज की, जो फ्रांस के एफ़िल टावर को मुँह चिढ़ा रहा है। दिल्ली के कुतुबमीनार को बौना बना रहा है और न्यू यॉर्क के स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी के सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है. ये नए भारत का नया कश्मीर है, जहाँ दुनिया का सबसे ऊँचा ब्रिज शान से खड़ा इस देश की ताकत दिखायेगा. और जब देश के प्रधानमंत्री अपने हाथों से हरे रंग का झंडा दिखाकर ब्रिज पर वंदे भारत को दौड़ायेंगे तो पाकिस्तान की हवाइयाँ उड़ जाएंगी, चीन सन्नाटे में सिसकता नज़र आयेगा. 145 करोड़ भारतीयों का सपना कश्मीर में सच होने जा रहा है। वो शुभ घड़ी करीब भी आ गई है, कश्मीर से कन्याकुमारी तक ट्रेन दौड़ेगी, इंजीनियरिंग और विज्ञान का चमत्कार दिखेगा, भारतीय रेल का कमाल दिखेगा और देश के प्रधान नरेंद्र मोदी का दुनिया में मान सम्मान और नाम दिखेगा. 



चिनाब ब्रिज की क्या है खासियत -


- चिनाब ब्रिज जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में बना है. 
- चिनाब ब्रिज  उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक का हिस्सा है. 
- ये ब्रिज दुनिया का सबसे ऊँचा रेल ब्रिज है. 
- चिनाब ब्रिज की नदी से ऊंचाई 359 मीटर है. 
- ये ब्रिज पेरिस के एफिल टावर से 29 मीटर ऊंचा है. 
- चिनाब  ब्रिज की कुल लंबाई 1315 मीटर है. 
- चिनाब ब्रिज 17 पिलर्स पर खड़ा है.  
- इस ब्रिज में 25000 मीट्रिक टन कुल स्टील का इस्तेमाल हुआ है. 
- 40 किलोग्राम तक या इससे ज़्यादा के ब्लास्ट पर ब्रिज पर कोई प्रभाव नहीं होगा. 
- 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार वाली हवा झेल सकता है ये ब्रिज. 
- भूकंप की तीव्रता 8 हो जाए तो भी ब्रिज का बाल बांका नहीं हो सकता है. 

चिनाब ब्रिज उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसकी अकेली की लागत 14000 करोड़ रुपये है  और इसमें बना 467 मीटर का आर्च इस ब्रिज का सबसे अहम्  हिस्सा है. जिसे 300 इंजीनियर की टीम ने कड़ी मेहनत मशक्कत और दिमाग के बाद तैयार किया है. जम्मू तवी से श्रीनगर तक धड़ धड़ाती हुई इस ब्रिज पर हाई स्पीड ट्रेन दौड़ेगी. अब कभी कश्मीर का कोई हिस्सा बर्फबारी में ख़ुद को अलग थलग महसूस नहीं करेगा, क्यूंकि आज़ादी के 76 साल बाद भी कश्मीर घाटी बर्फबारी के सीजन में देश के दूसरे हिस्सों से कट जाता था.

जम्मू तवी में आगे ट्रेन नहीं थी, जिस वजह से 350 किलोमीटर सड़क के रास्ते जाना पड़ता था और बर्फबारी के दौरान एकमात्र सड़क भी बंद हो जाती थी. मगर अब कश्मीर में विकास की नई गाथा लिख दी गई है जिसका प्रमाण हम सभी की सामने है. इतना ही नहीं, जन्नत को जहन्नुम बनाने का ख्वाब देखने वाले यानि कि पाकिस्तान चिनाब ब्रिज से सिर्फ़ 65 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं पर क्या मजाल जो चू कर दे. 

इस ब्रिज के बन जाने के बाद चीन और पाकिस्तान में खलबली मच गई है, क्यूंकि बदलते भारत की बदलती तस्वीर ने दोनों मुल्कों को सकते में डाल दिया है. दरअसल रियासी और अखनूर इलाका कश्मीर का चिकन नेक है और यहाँ चिनाब ब्रिज का बनना भारत के लिए सामरिक तौर पर बेहद ख़ास है. क्यूंकि अब मौसम चाहे जैसा भी हो, अगले ही पल ट्रैन से सेना या फिर आम लोग आसानी से यहाँ पहुँच जायेंगे. ना कोई बाधा होगी, ना कोई अड़ंगा. दुश्मन की एक गलती भी इस इलाक़े में भारी पड़ेगी. चीन पाकिस्तान की समस्या ये है कि कश्मीर घाटी अब बारह महीने भारत के हर हिस्से से जुड़ा रहेगा. इससे व्यापार बढ़ेगा, टूरिस्ट आयेंगे और इन सब का नतीजा होगा कि लोगों की आय बढ़ेगी. 

अब विकास की रफ़्तार में कश्मीर में नया अध्याय जुड़ेगा. ये ब्रिज चीन को मुँह चिढ़ाएगा, पाकिस्तान को खून के आँसू रुलाएगा. क्यूँकि ये ब्रिज भारत के साहस का प्रतीक है, ये ब्रिज देश की प्रगति का बिम्ब है, ये ब्रिज अटूट संकल्प है और नए युग का प्रारंभ है. बस इंतज़ार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ब्रिज के साथ साथ कटरा से श्री नगर जाने वाली हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को हरी झंडी दिखायेंगे. 35000 करोड़ रुपया खर्च करके तैयार किए इस उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लाइन प्रोजेक्ट ने जम्मू कश्मीर के लोगों को नए सपने दिखायें हैं, नयी उम्मीदें दी हैं, इसके साथ बिजनेस और स्टार्टअप का सुनहरा अवसर दिया है. 
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