THURSDAY 01 MAY 2025
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भारत के करोड़पतियों को नहीं भा रहा देश, वजह जानकर चौंक जाएंगे

भारत के हर पांच अमीरों में से एक अब विदेश में बसने की सोच रहा है। कोटक प्राइवेट बैंकिंग और ईवाई की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 22% हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स अब अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और दुबई जैसे देशों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

भारत के करोड़पतियों को नहीं भा रहा देश, वजह जानकर चौंक जाएंगे
जब भी कोई पूछता है कि भारत में कौन सा तबका सबसे अधिक लाभान्वित हो रहा है, तो जवाब होता है अमीर वर्ग। लेकिन हैरानी की बात ये है कि वही अमीर लोग अब भारत को छोड़ने की योजना बना रहे हैं। एक नई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है, और इसके आंकड़े सोचने पर मजबूर कर देते हैं।

बीते कुछ दिनों पहले कोटक प्राइवेट बैंकिंग और ईवाई (Ernst & Young) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के हर पाँच में से एक अमीर व्यक्ति यानी 22% हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) अब विदेश बसने की योजना बना रहे हैं। ये सर्वे देश के 12 प्रमुख शहरों में किया गया, जिसमें कुल 150 उच्च-आय वाले लोगों को शामिल किया गया। यह रिपोर्ट 1 अप्रैल 2024 से 30 सितंबर 2024 के बीच की गई एक गहन स्टडी का नतीजा है, जिसने यह समझने की कोशिश की कि भारत के अमीर आखिर क्यों देश छोड़ने की सोच रहे हैं।

कहां जाना चाहते हैं भारत के अमीर?

सर्वे के मुताबिक, इन अमीर भारतीयों की पहली पसंद है - अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा। इसके अलावा दुबई भी तेजी से एक प्रमुख हॉटस्पॉट बन रहा है। ये देश न सिर्फ अपनी जीवनशैली के लिए मशहूर हैं, बल्कि वहां की स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा व्यवस्था और टैक्स नीतियां भी लोगों को अपनी ओर खींचती हैं। ये अमीर लोग स्थायी निवास (Permanent Residency) या इन्वेस्टमेंट वीजा के जरिए बाहर जाने की योजना बना रहे हैं। खास बात ये है कि इनमें से अधिकतर लोग विदेश में बसने के बावजूद अपने बिज़नेस ऑपरेशन भारत में ही जारी रखना चाहते हैं।

जब आप भारत में अपनी जड़ें जमा चुके होते हैं, करोड़ों का बिजनेस खड़ा कर चुके होते हैं, तो आखिर ऐसा क्या है जो आपको देश छोड़ने पर मजबूर करता है? इस सवाल का जवाब रिपोर्ट में साफ झलकता है।

बेहतर जीवनशैली और वातावरण
विदेशों में जीवनशैली अधिक मॉडर्न, सुविधाजनक और व्यवस्थित मानी जाती है। साफ-सफाई, ट्रैफिक की कम समस्या और अधिक नागरिक स्वतंत्रता वहां के वातावरण को भारत के मुकाबले अधिक संतुलित बनाती है।

उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं
भारत में निजी हेल्थकेयर तेज़ी से महंगा और सरकारी हेल्थ सिस्टम अव्यवस्थित होता जा रहा है। इसके विपरीत, विदेशों में यूनिवर्सल हेल्थकेयर सिस्टम, बेहतर तकनीक और भरोसेमंद चिकित्सा सेवाएं मिलती हैं।

बच्चों की एजुकेशन
विदेश में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, अधिक विविधतापूर्ण करिकुलम और ग्लोबल एक्सपोजर की चाहत अमीर भारतीयों को अपनी अगली पीढ़ी के लिए बाहर बसने को प्रेरित करती है।

टैक्स स्ट्रक्चर
भारत में टैक्सेशन को लेकर अक्सर जटिलताएं होती हैं। हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स को भारी टैक्स देना पड़ता है। वहीं, दुबई जैसे टैक्स हेवेन में कोई इनकम टैक्स नहीं है।

पॉलिटिकल और लॉ एंड ऑर्डर की चिंता
बिजनेस फ्रेंडली एनवायरनमेंट की बात करें तो कई बार भारत की अफसरशाही, कानूनी पेचीदगियां और राजनीतिक अस्थिरता अमीरों को परेशान करती हैं। एक स्थिर और प्रेडिक्टेबल व्यवस्था की चाहत उन्हें विदेश खींचती है।

भारत में ही रहेगा पैसा, पर मालिक विदेश में

यह बात भी दिलचस्प है कि जो लोग भारत से बाहर जाना चाहते हैं, वे अपना बिजनेस भारत में ही बनाए रखना चाहते हैं। मतलब – प्रॉफिट भारत से कमाया जाएगा, लेकिन टैक्स, नागरिकता और जीवन विदेश का होगा। यह नया ट्रेंड भारत के लिए एक अलार्म की तरह है, जहां देश की दौलत तो यहीं रह जाएगी, लेकिन उसके मालिक अब देश से बाहर होंगे।

2023 तक भारत में 2.8 लाख HNIs (High Net-worth Individuals) थे। रिपोर्ट का अनुमान है कि 2028 तक यह संख्या 4.3 लाख तक पहुंच जाएगी। लेकिन अगर इन अमीरों में से 22% लोग विदेश चले जाते हैं, तो देश को प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों तरह के नुकसान का सामना करना पड़ेगा। वित्तीय विशेषज्ञ मानते हैं कि यह 'वेल्थ ड्रेन' (wealth drain) की शुरुआत हो सकती है, जो लंबे समय में देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती है।

सरकार के लिए चेतावनी की घंटी

रिपोर्ट सिर्फ आंकड़े नहीं बताती, बल्कि एक भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक बदलाव की ओर इशारा करती है। ये लोग भारत को छोड़ने की इच्छा इसलिए नहीं रखते कि उन्हें देश से नफरत है, बल्कि इसलिए कि उन्हें वो संतुलन, सुरक्षा और स्थिरता विदेशों में दिखती है, जो भारत में फिलहाल मुश्किल लगती है। सरकार के लिए यह रिपोर्ट एक बड़ा संकेत है कि अगर हम अपने सिस्टम को पारदर्शी, स्थिर और नागरिक-केंद्रित नहीं बनाएंगे, तो हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हमारे अमीर, हमारे नवोन्मेषक, हमारे बिजनेस लीडर्स देश छोड़ देंगे।

भारत के अमीरों का देश से बाहर बसने की इच्छा कोई फैशन नहीं, बल्कि एक गंभीर सोच का परिणाम है। जब कोई व्यक्ति जो देश में सबकुछ पा चुका है, वो भी देश छोड़ने की सोचता है, तो यह एक बड़ी सामाजिक और आर्थिक चेतावनी है। अगर भारत को ग्लोबल सुपरपावर बनना है, तो केवल गरीबों और मिडल क्लास के लिए ही नहीं, बल्कि अमीरों के लिए भी इसे रहने लायक बनाना होगा।

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