सुप्रिया श्रीनेत ने भागवत पर कसा तंज, लेकिन राहुल के बयान पर खुदी ही फंसे कांग्रेसी
मोहन भागवत ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन को लेकर बयान दिया तो कांग्रेस RSS के साथ बीजेपी को घेरने लगी..वहीं सुप्रिया श्रीनेत ने भी भागवत पर तंज कसा. लेकिन इसी बीच सुप्रिया श्रीनेत को सोशल मीडिया लोगों ने घेर लिया.. और राहुल गांधी के इंडियन स्टेट वाले बयान को लेकर सवाल पूछा

मोहन भागवत ने आस्था से जोड़कर राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को तारीख़ को आज़ादी की तारीख़ क्या बताया। कांग्रेस ने जमकर हल्ला मचाया। देश की जनता को भागवत के बयान से तकलीफ़ नहीं हुई।क्योंकि हिंदुओं की आस्था से ये बात जुड़ गई।लेकिन तकलीफ़ किसको हुई कांग्रेस को। राहुल गांधी को।और कांग्रेस की बड़बोली नेता सुप्रिया श्रीनेत को। जो तुरंत मोहन भारत के बयान पर हल्ला काटने बैठ गए। भागवत के बयान को सन 47 की सियासी आज़ादी का अपमान बता दिया। खैर राहुल गांधी भागवत को घेरते घेरते अपने ही बयान से ऐसा घिरे। कि कांग्रेस इस मुद्दे पर सफ़ाई पेश करने लायक़ तक नहीं बची।अब राहुल तो राहुल कांग्रेस की बड़बोली नेता सुप्रिया श्रीनेत भी इस मुद्दे पर कैसे चुप बैठ सकती है। मेडम साहिबा तुरंत मैदान में आई। और मोहन भागवत पर निशाना साधते साधते RSS के ख़िलाफ़ ज़हर उगलने बैठ गई। फिर क्या था। राहुल गांधी की एक गलती ने सुप्रिया श्रीनेत की बोलती बंद करवा दी। तो आगे कुछ बताएँ या फिर इतिहास के पन्ने पढ़वाएँ। सुप्रिया श्रीनेत का बयान सुनवाते हैं।
कांग्रेस ने RSS के ख़ात्मे के लिए क्या कुछ नहीं किया। ये किसी से छुपा नहीं है। तो ऐसे में कैसे मोहन भागवत का बयान कांग्रेस हज़म कर पाती। यही वजह है कि सुप्रिया जैसी नेता भी माहौल बनाने बैठ गई।अब सुप्रिया आगे कुछ बोलती उससे पहले ही राहुल गांधी के मुंह से निकले इंडिया स्टेट से लड़ाई वाले शब्द ने उलटा सारे कांग्रेसियों को ही फंसा दिया है। क्योंकि राहुल गांधी नेता विपक्ष होकर देश के ख़िलाफ़ ही लड़ने की बातें कर गए।दरअसल राहुल गांधी कह गए कि उनकी लड़ाई बीजेपी आरएसएस से तो है ही लेकिन इंडियन स्टेट से भी है।
यानी मोदी विरोध में राहुल गांधी इंडियन स्टेट से भी लड़ने की बात करने लगे। इंडियन स्टेट से मतलब है भारत से लड़ाई। ये मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है अगर आपको लगता है कि हम BJP या RSS नामक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं तो आप समझ नहीं नहीं पाए हैं कि क्या चल रहा है।BJP और RSS ने देश के हर संस्थान पर क़ब्ज़ा कर लिया है हम अब बीजेपी, RSS और ख़ुद इंडियन स्टेट के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं।
अब जिस आज़ादी की बात भागवत कर रहे हैं कांग्रेस ने उसका संदर्भ नहीं देखा बस माहौल बनाना शुरु कर दिया। जबकि भागवत कह रहे हैं सिर्फ़ राजनीतिक स्वतंत्रता मिली। लेकिन ग़ुलामी वाली मानसिकता से आज़ादी नहीं मिली। धार्मिक स्थानों को लेकर आज़ादी नहीं मिली वो तब हुआ जब सालों के संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण हो पाया। बस यहीं से कांग्रेस ने बीजेपी और RSS को घेरने का नया मुद्दा मिल गया। जबकि कांग्रेस वो दिन वो बातें भूल गई। जब राहुल गांधी भारत को बदनाम करने के लिए। भारत की सरकार को घेरने के लिए विदेशी मंच का इस्तेमाल करते हैं। सात समंदर पार जाकर राहुल गांधी देश की हर संस्था पर सवाल उठाते हैं न्यायपालिका हो या कार्यपालिका सब पर विदेशी मंच से तंज कसते हैं।देश विरोधी ताकतों को मज़बूत करते हैं। सोरोस जैसे लोगों को पावर फ़ुल कर उनके लोगों से मुलाक़ात करते हैं।ऐसे आरोप खुलकर बीजेपी राहुल गांधी पर लगाती रही है तब कांग्रेस को नहीं दिखता की कैसे वो आज़ाद देश के लोकतंत्र पर धब्बा लगाने का काम करती है।अब जैसे ही सुप्रिया श्रीनेत ने बोलना शुरू किया। सोशल मीडिया पर लोग ख़ुद ब ख़ुद उन्हें जवाब देने आ गए। कृष्णा नाम के यूज़र ने तंज कसते हुए लिखा
"भारत देश के खिलाफ कौन लड़ रहा है,पाकिस्तान,चीन,ISIS, सोरोस जो विदेशी है,और अब तक कांग्रेस जो अभी तक छुप कर लड़ रही थी,देश को बर्बाद करने के कार्य और नीतियां बना रहे थे वह राहुल गंदी ने खुला ऐलान किया की वह भी भारत देश से लड़ेंगे।सत्ता से दूर होने पर आज इस स्तर पर कोई जा सकता है"
इसके साथ ही रंगेश्वर नाम के एक और यूज़र ने सुप्रिया पर तंज कसते हुए लिखा "सप्रिया ही नहीं, सारे कांग्रेसी झूठ बोलते हैं और गोदी मीडिया को फुटेज देते हैं मोहन भागवत जी का पूरा भाषण सुनों तब कुछ बोलो"
मोहन भागवत को घेरने के चक्कर में कांग्रेसी चारों तरफ़ से ख़ुद घिरती दिखाई दे रही है। वही सुप्रिया श्रीनेत की तो अब बोलती ही बंद हो गई है।
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