मनमोहन सिंह के स्मारक की जगह को लेकर मोदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, परिवार को सौंपी लिस्ट!
मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर राजनीति तेज़ी पर हो रही है. क्योंकि कांग्रेस ने माँग की थी कि जहां मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार हो वहीं स्मारक बनाया जाए. इसी विवाद के बीच मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फ़ैसला लिया है. स्मारक कहां बनाने इसके लिए कुछ जगह चिन्हित कर मनमोहन सिंह के परिवार को लिस्ट दे दी है

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस जमकर सियासत कर रही है। मनमानी जगह पर उनके स्मारक की मांग को लेकर बीजेपी से भिड़ रही है। निगम बोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को उनका अपमान बता रही है। लेकिन इसी बीच मोदी सरकार ने ऐसा तुरप का इक्का चला। कांग्रेसी देखते रह गए। क्योंकि मोदी सरकार ने मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर उनके परिवार को एक लिस्ट सौंप दी है। जिससे कांग्रेस के किए कराए पर एक मिनट में ही पानी फिर गया है। दरअसल
मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए मोदी सरकार की एजेंसियों ने का्म तेज़ कर दिया है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग और शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कुछ जगहों को चिन्हित किया है इन स्थानों पर मनमोहन सिंह का स्मारक बनाया जा सकता है अधिकारियों ने जिन स्थानों का निरीक्षण किया है उसमें किसान घाट, राष्ट्रीय स्थल और राजघाट के पास की जगह शामिल हैं।
स्मारक के लिए अब मोदी सरकार ने इन स्थानों की लिस्ट मनमोहन सिंह के परिवार को सौंप दी है। उनकी राय के साथ ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। कि आख़िर कहां पर मनमोहन सिंह का स्मारक बनना है। बता दें की
मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने से पहले सरकार की पहल पर एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा। फिर उस ट्रस्ट के ही आवेदन पर ज़मीन का औपचारिक तौर पर आवंटन होगा और स्मारक बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्मारक का निर्माण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की ओर से किया जाएगा।इसके लिए ट्रस्ट और विभाग के बीच एक MU होगा।
कांग्रेस मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर बीजेपी को घेरने की भरपूर कोशिश कर रही थी। मनमोहन सिंह के चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी। कि खड़गे ने शोर मचाना शुरू कर दिया है उनका स्मारक राजघाट के आसपास बनाया जाए। निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार ना किया जाए। आरोप लगाया कि मोदी सरकार कांग्रेस की बातें ना सुनकर मनमोहन सिंह का अपमान कर रही है। हालांकि बीजेपी ने भी तुरंत इतिहास का पाठ पढ़ाते हुए कांग्रेस की पोल खोलकर रख दी। खुलासा किया कि आज जो कांग्रेस मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर इतना बवाल कर रही है। जबकि मोदी सरकार स्मारक भी बनवा रही है। उनका पूरा सम्मान भी कर रही है लेकिन कांग्रेस ने तो अपने राज में अपने ही नेता नरसिम्हा राव का इतना अपमान किया। ना तो उनका स्मारक बनवाया। ना ही उनके अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली में दो गज जगह तक दी। आज वो कांग्रेस बस सियासी रोटियाँ सेकने के लिए मनमोहन सिंह के निधन को हथियार बना रही है। जबकि एक बात और बता दें 2013 में जब तत्कालीन यूपीए सरकार की कैबिनेट ने ही एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी। इसके तहत राष्ट्रीय स्मृति स्थल के नाम से समाधियों के लिए अलग जगह आवंटन का फ़ैसला हुआ था। यह तय हुआ था कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति जैसे पदों पर रहे नेताओं की समाधियाँ राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनाई जाए। तो ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार मनमोहन सिंह का स्मारक भी राष्ट्रीय स्मृति स्थल परिसर के अंदर ही बना सकती है। यहीं पर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का भी स्मारक बनाया गया था। तो ऐसे में मोदी सरकार ने कांग्रेस की राजनीति पर एक झटके में पानी फेरने का काम शुरू कर दिया है।
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