पहले हरियाणा, महाराष्ट्र और अब दिल्ली में BJP की लगातार जीत ने विपक्ष को दिया करारा जवाब
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार जीत हासिल की है। 70 में से 48 सीटों पर कब्जा जमाकर पार्टी ने आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त दी।PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह जीत भाजपा के लिए एक बड़ी सफलता है, जो लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पार्टी की वापसी को और मजबूत बनाती है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे भारतीय जनता पार्टी के लिए ऐतिहासिक साबित हुए। 70 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा ने 48 सीटें जीतीं, जबकि वहीँ आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा। अरविंद केजरीवाल की पार्टी जो साल 2015 और साल 2020 के चुनावों में भारी जीत दर्ज करती आई थी, वो पार्टी इस बार जनता का भरोसा कहीं खो बैठी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने जिस तरह हरियाणा और महाराष्ट्र इलेक्शन में शानदार प्रदर्शन किया था, उसी तरह दिल्ली में भी बीजेपी ने दमदार वापसी की है । लोकसभा चुनाव 2024 के बाद जब बीजेपी बहुमत से कुछ सीटें पीछे रह गई थी, तब विपक्ष ने यह दावा किया था कि मोदी लहर अब खत्म हो चुकी है,इसका असर अब चुनाव पर नहीं दिखने वाला। लेकिन ये गलत साबित हुआ, और हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों ने इन सभी बातों को गलत साबित कर दिया है।
चुनाव प्रचार में भाजपा की रणनीति -
दिल्ली में इस बड़ी जीत के लिए भाजपा की रणनीति और प्रचार अभियान की अहम भूमिका रही। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कई रैलियों में हिस्सा लिया। इसके अलावा, भाजपा के कई बड़े नेताओं और स्टार प्रचारकों ने भी जनता के बीच प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ी।भाजपा ने अपने अभियान में दिल्ली के विकास, महिलाओं की सुरक्षा, गरीबों के लिए योजनाएं और भ्रष्टाचार मुक्त शासन पर जमकर जोर दिया और भरोसा कमाया, जिसका रिजल्ट सामने भी आया। वहीं ‘आप’ सरकार के 10 साल के कार्यकाल में जनता का कमाया भरोसा एक झटके में खो बैठी ।
क्या रहीं 'AAP' की हार की वजहें -
भ्रष्टाचार के आरोप - केजरीवाल सरकार के कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जिससे जनता का भरोसा कम हुआ और चुनाव में इसका बड़ा असर देखने को मिला ।
लोकसभा चुनाव में झटका - साल 2024 में आम आदमी पार्टी को दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, जिसका असर विधानसभा चुनाव में भी दिखा।
झूठे विकास के वादे - आम आदमी पार्टी ने 10 साल तक दिल्ली पर शासन किया, लेकिन जनता को उनके विकास के वादे झूठ लगे और जनता ने भी नई राह पर चल दी ।
मोदी लहर का असर - प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का असर इस चुनाव में भी साफ नजर आया, जिससे बीजेपी को काफी फायदा हुआ ।
हरियाणा और महाराष्ट्र में जीत से बढ़ा आत्मविश्वास -
हरियाणा - 90 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
महाराष्ट्र - 288 सीटों में से महायुति गठबंधन (भाजपा, शिंदे गुट और अजित पवार गुट) ने 235 सीटें जीतीं थी।
इन दोनों राज्यों में भाजपा की जीत ने यह साबित कर दिया कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान जो नैरेटिव विपक्ष ने भाजपा के खिलाफ खड़ा किया था, वह विधानसभा चुनाव 2025 में फेल रहा। दिल्ली में जब साल 2020 में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीतकर भाजपा को बहुत पीछे छोड़ दिया था। लेकिन साल 2025 में आते ही आप पार्टी की हालत ख़राब हो गई। क्योंकि जनता ने BJP का हाथ थाम लिया।
दिल्ली में भाजपा का भविष्य -
राज्यसभा में मजबूत स्थिति - भाजपा अब दिल्ली से राज्यसभा की सीटें आसानी से जीत सकती है।
लोकसभा 2029 की तैयारी - इस जीत से भाजपा को 2029 के लोकसभा चुनावों के लिए आत्मविश्वास मिलेगा।
'आप' के लिए बड़ा झटका - आम आदमी पार्टी के लिए यह हार बहुत बड़ा झटका है और उनकी राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डालेगी।
लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी की यह जबरदस्त वापसी बताती है कि जनता ने एक बार फिर मोदी सरकार पर भरोसा जताया है। आम आदमी पार्टी के लिए यह हार बहुत बड़ा झटका है और यह जनता ने ये भी सरकार को बता दिया कि केवल मुफ्त योजनाओं के सहारे चुनाव नहीं जीते जा सकते।
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