भारत के हथियारों का दुनिया में बोलबाला, खूबियां जानकर दुश्मनों की हुई हालत ख़राब
भारत के अलग अलग हथियारों पर कई देशों का दिल आ चुका है..और वो इन्हें अपने हथियारों के बेड़े में शामिल कर ख़ुद को मज़बूत करना चाहते हैं..ऐसे हथियार जो भारत में बने हैं उनके दिवाने आज दुनिया के कई देश हैं…इसी कड़ी में अब 2 ऐसे हथियार है जिनकी चर्चा तो हर तरफ़ है ही लेकिन इन दोनों को कुछ अलग अलग देश ख़रीदने का मन बना रहे हैं और उन्होंने इसमें दिलचस्पी दिखाई है

मज़बूती से आगे बढ़ते भारत की ताक़त का लोहा आज दुनिया मान रही है। भारत की सेना जिन आधुनिक हथियारों के दम पर दुश्मनों को धूल चटाने में माहिर है वो हथियार आत्म निर्भर भारत की पहचान है। और इनकी शक्ति की चर्चा दुनिया भर में है। यही वजह है कि भारत के अलग अलग हथियारों पर कई देशों का दिल आ चुका है। और वो इन्हें अपने हथियारों के बेड़े में शामिल कर ख़ुद को मज़बूत करना चाहते हैं। ऐसे हथियार जो भारत में बने हैं उनके दिवाने आज दुनिया के कई देश हैं। इसी कड़ी में अब 2 ऐसे हथियार है जिनकी चर्चा तो हर तरफ़ है ही लेकिन इन दोनों को कुछ अलग अलग देश ख़रीदने का मन बना रहे हैं और उन्होंने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। उन दोनों के बारे में इस वीडियो में बात करेंगे उनकी ख़ासियत जानेंगे। और ये भी की कैसे भारत के हथियार दुनिया भर में अपनी जगह बना रहे हैं।
सबसे पहले बात करेंगे इन दिनों यूरोप के दिलों दिमाग़ में छाई हुई भारत की ख़तरनाक, दुश्मनों का पल में सफ़ाया करने का दम रखने वाली एक ऐसी मिसाइल जिसका नाम सुनकर ही पाकिस्तान और चीन जैसे देश कांप जाते हैं। नाम है पिनाका। अब भारत के पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम को खरीदने में स्पेन ने अपनी रुचि दिखाई है IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक स्पेन ने भारत के स्वदेशी पिनाका रॉकेट सिस्टम को खरीदने में अपनी रुचि दिखाई है स्पेन अगर भारतीय पिनाका सिस्टम को खरीदता है तो यह उसके सालिम सिस्टम की जगह लेगा या उसके साथ यह भी स्पेन की सेना में शामिल होगा..इससे पहले भारत ने पिनाका रॉकेट सिस्टम की आर्मेनिया को सप्लाई कर दी है और फ्रांस के साथ इस बारे में बातचीत चल रही है इससे ये साफ़ हुआ है कि भारत के हथियारों की दुनियाभर में मांग बढ़ रही है। पिनाका की ख़ासियत की बात करें तो।
भारत के इस पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया इसे DRDO के पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE) की तरफ से बनाया गया है।
इसकी एक बैटरी में छह लॉन्च वाहन होते हैं। इसके लोडर सिस्टम, रडार और नेटवर्क आधारित सिस्टम और एक कमांड पोस्ट के साथ लिंक होते हैं।
अभी इसके 2 वर्जन हैं पहला है मार्क जिसकी रेंज 40 किलोमीटर है और दूसरा मार्क-II है, जिसकी रेंज 75 किलोमीटर है। इसकी रेंज 120-300 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना है।
पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम में 214 मिलिमीटर के 12 रॉकेट होते हैं। पिनाक रॉकेट्स की स्पीड ही इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाती है। इसकी स्पीड 5,757.70 किलोमीटर प्रतिघंटा है, यानी एक सेकेंड में 1.61 किलोमीटर की गति से हमला करता है। साल 2023 में इसके 24 टेस्ट किए गए थे।
यूक्रेन जंग में रूसी सेना को पीछे जाने को मजबूर करने वाले कई मॉडर्न हथियारों में से एक अमेरिकी हिमार्स मिसाइल भी है। लेकिन, हिमार्स को भारत के पिनाक ने पीछे छोड़ दिया है। पिनाक की ऑपरेशनल रेंज 800 किलोमीटर है, जबकि हिमार्स का 450 किलोमीटर है।
इसी तरह पिनाक की फायरिंग कैपेसिटी एक बार में 12 रॉकेट है, जबकि हिमार्स की फायरिंग कैपेसिटी एक बार में 6 रॉकेट है इन दोनों मामलों में अमेरिकी हिमार्स से भारत का पिनाका आगे है।
तो ये था पिनाका हथियार का जलवा अब जनिए वो कौनसा दूसरा हथियार है जिसपर दुनिया की नज़र है। आकाश मिसाइल ।भारत की Akash-NG वायु रक्षा प्रणाली के चर्चे पूरी दुनिया में हैं। इसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने मिलकर बनाया है..इस प्रणाली ने भारतीय वायु सेना की ताकत में रिकॉर्ड इजाफा किया है। अब इस मिसाइल प्रणाली की चर्चा दूर देशों में भी है और यही वजह है कि रॉयल मोरक्कन आर्मी ने तो इसमें अपनी दिलचस्पी भी दिखा दी है।
Akash-NG मिसाइल सिस्टम की क्या खूबियां ?
50 से 60 किलोमीटर तक की दूरी पर हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है, आकाश मॉडल की 25-30 किलोमीटर की रेंज से अधिक है।
दोहरी-पल्स ठोस रॉकेट मोटर के कारण इसका वजन 350 किलोग्राम है, जो पुराने रैमजेट मॉडल के 700 किलोग्राम से आधा है।
यह तेज हवाई खतरों जैसे लड़ाकू विमानों, क्रूज़ मिसाइलों और ड्रोनों को नष्ट करने में सक्षम है।
इसमें 80 किलोमीटर तक की आइडेंटिफिकेशन रेंज है, जो दुश्मन को जल्दी पहचानने और जवाबी कार्रवाई करने में मदद करती है।
भारतीय हथियारों की ताक़त की चर्चा हर तरफ़ हो रही है। भारतीय सेना भारत में बने आधुनिक हथियारों की बदौलत अपना दमख़म दिखा रही ।और भारत की आत्मनिर्भरता का डंका दुनिया में बज रहा है।
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